जोधपुर। पश्चिमी राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में जल संकट का स्थायी समाधान तलाशने की दिशा में भरतकुमार सोलंकी का प्रयास लगातार चर्चा में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बुंदेलखंड और खजुराहो की सभाओं में जल संरक्षण और प्रबंधन की महत्ता पर जो विचार व्यक्त किए, वे सोलंकी के पिछले तीन दशकों के शोध और प्रयासों के अनुरूप हैं। अरावली पर्वतमाला में पांच पक्के बांधों के निर्माण की उनकी योजना मारवाड़ के सात जिलों के किसानों के लिए क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। सोलंकी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया हैं कि जवाई बांध जैसे और बड़े जलाशयों का निर्माण कर बरसाती पानी को संरक्षित किया जाए। इससे क्षेत्रीय कृषि, औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने देशभर में 500 नए बांध निर्माण की घोषणा करते हुए इसी दिशा में कार्य योजना का आश्वासन दिया था। यह मारवाड़ के जल संकट और देश के जल प्रबंधन के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता पोपटलाल राणावत ने सोलंकी के प्रयासों को सराहते हुए सरकार और समाज से इस योजना पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया। अरावली में पांच पक्के बांधों का निर्माण न केवल जल संकट का समाधान करेगा, बल्कि राजस्थान के विकास का आधार भी बनेगा।