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टोरेस घोटाले में सवा लाख निवेशकों के डूबे रु. १,००० करोड़! … फिर जागी ईओडब्ल्यू की टीम

सामना संवाददाता / मुंबई
फरवरी २०२४ से चल रही टोरेस ज्वेलरी पोंजी स्कीम ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को एक बार फिर सतर्क कर दिया है। घोटाले के भंडाफोड़ के बाद ईओडब्ल्यू ने अपनी वित्तीय अपराध खुफिया इकाई को फिर से सक्रिय करने का पैâसला किया है। यह यूनिट उन योजनाओं और व्यक्तियों की जानकारी जुटाएगी, जो ऊंचे मुनाफे का झांसा देकर भोले-भाले लोगों को फंसाते हैं।
६ जनवरी को दादर में टोरेस ज्वेलरी स्टोर के बाहर उस समय भारी भीड़ इकट्ठा हुई, जब लोगों को एहसास हुआ कि वे मल्टी-लेवल मार्वेâटिंग स्कीम के जाल में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गवां बैठे हैं। आरोप है कि इस घोटाले में विदेशी नागरिक, जिनमें यूक्रेनी पासपोर्ट धारक भी शामिल हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘टोरेस घोटाले में करीब १.२५ लाख निवेशकों ने १,००० करोड़ रुपए का नुकसान उठाया। अगर हमारी खुफिया इकाई चालू होती तो शायद यह घोटाला समय पर रोका जा सकता था।’
गौरतलब है कि २०२० में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते यह यूनिट बंद कर दी गई थी। अब इसे नए ढांचे के साथ फिर से शुरू किया जाएगा। हर पुलिस स्टेशन में एक अधिकारी तैनात होगा, जो स्थानीय स्तर पर खुफिया जानकारी जुटाकर यूनिट से जुड़ेगा। नए प्लान के तहत, ईओडब्ल्यू में चार से छह विशेषज्ञ अधिकारी तैनात किए जाएंगे, जो संदिग्ध विज्ञापनों और योजनाओं पर नजर रखेंगे। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यूनिट बैंकों और वित्तीय संस्थानों की धोखाधड़ी और सतर्कता इकाइयों के साथ मिलकर काम करेगी। इसका उद्देश्य शहर में चल रही वित्तीय धोखाधड़ी को पहचानना और उसे समय पर रोकना है।’

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