कुछ बेस्ट चालकों का प्रशिक्षण अब तक नहीं हो पाया है पूरा
सामना संवाददाता / मुंबई
बेस्ट की १०० बसें अप्रैल अंत में स्क्रैप यानी कबाड़ में जाने वाली हैं, जिससे मई महीने में बेस्ट यात्रियों की मुसीबत बढ़ने वाली है। हालांकि बेस्ट की नई बसें डिपो में खड़ी हैं, लेकिन कुछ बेस्ट चालकों का प्रशिक्षण अब तक पूरा नहीं हो पाया है इसलिए ये बसें प्रशिक्षित चालक उपलब्ध होने पर ही सड़कों पर उतर सकती हैं।
बता दें कि बेस्ट के बेड़े में दिसंबर २०२४ तक ९९३ बसें थीं, जो अब घटकर ७२३ हो गई हैं। इसके अलावा कई बसें लीज पर चलती हैं, जिसका संचालन पांच ठेकेदार करते हैं। बेस्ट ने पिछले वर्ष २३ मई को टेंडर प्रक्रिया के जरिए २ हजार इलेक्ट्रिक सिंगल डेकर एसी बसों के लिए ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड कंपनी को ठेका दिया था। इनमें से अब तक ३२५ बसें आ गई हैं। वहीं राज्य सरकार से बार-बार बेस्ट के लिए नई स्वामित्व वाली बसें उपलब्ध कराने की मांग की गई, लेकिन सरकार ने इसे अनदेखा कर दिया। सरकार की इस उदासीनता के चलते बेस्ट का पतन हो रहा है। इस पर मुंबईकरों ने भी सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है। यात्रियों का आरोप है कि सरकार की मंशा ही बेस्ट को खत्म करने की लगती है। बेस्ट उपक्रम का मुंबई मनपा में विलय करने का प्रस्ताव बीते छह वर्षों से राज्य सरकार के नगर विकास विभाग में धूल खा रहा है। मुंबईकरों का मानना है कि अगर बेस्ट का मनपा में विलय हो जाए तो यात्रियों से जुड़े कई मुद्दे सुलझ सकते हैं।
बस स्टॉप पर लगती हैं लंबी कतारें
शहर की दूसरी लाइफलाइन मानी जाने वाली बेस्ट में बसों की कमी की वजह से यात्रियों की परेशानी बढ़ती हुई नजर आ रही है। कई बस स्टॉपों पर सुबह और शाम के वक्त लंबी कतारें लगती हैं और बसें पूरी तरह से पैक होकर चलती हैं।