मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिसंगीत साहित्य मंच की 117वीं काव्यगोष्ठी संपन्न

संगीत साहित्य मंच की 117वीं काव्यगोष्ठी संपन्न

सामना संवाददाता / ठाणे

साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संगीत साहित्य संस्था द्वारा निरंतर की जाने वाली मासिक काव्यगोष्ठी इस महीने शनिवार 15 मार्च  को संस्था के शुभचिंतक, उमाकांत वर्मा के ललाट म्यूजिकल आर्ट कार्यालय पर संपन्न हुआ।मुख्य अतिथि एन बी सिंह “नादान ” तथा टी आर खुराना की अध्यक्षता और उमेश मिश्र प्रभाकर के संचालन मे संपन्न हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ सदाशिव चतुर्वेदी “मधुर” द्वारा मां सरस्वती के चरणों मे वंदना स्वरूप प्रथम पुष्प अर्पित करके किया गया। इसके बाद अरुण मिश्र अनुरागी द्वारा होली पर श्रृंगार गीत का सुंदर गायन किया गया, तत्पश्चात वर्मा ने कुछ मुक्तक प्रस्तुत किया। अगली कड़ी में वरिष्ठ कवि डॉ. वफा सुल्तानपुरी द्वारा होली पर सुंदर गीत का सुंदर प्रस्तुतीकरण किया गया। तदनंतर सहसंयोजक मधुर ने श्रृंगार की गजल सुना कर सबको रोमांचित कर दिया। तत्पश्चात अजय सिंह ने होली पर एक मानक गीत का पाठन किया। गोष्ठी को आगे बढ़ाते हुये वरिष्ठ कवि रामजीत गुप्ता ने चैता गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में संचालन कर रहे उमेश मिश्र कई मुक्तक और गीत प्रस्तुत किए। जाने-माने गजलकार एवं मुख्य अतिथि नादान ने अपनी गज़लों द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध कर लिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में मुख्यअतिथि टी आर खुराना ने अपनी पुस्तक आओ हम मुस्कुराएं से एक हास्य गीत का सराहनीय गायन किया एवं सभी को शुभकामनाएं प्रदान कीं। कार्यक्रम के मध्य कई कैरोके गायकों तथा संगीत साधकों का भी पदार्पण हुआ। उन्होंने भी तालियां बजाकर कवियों का मनोबल बढ़ाया। गोष्ठी विशेष रूप से होली गीत, आध्यात्मिक, सामाजिक तथा श्रृंगार प्रधान कविताओं एवं चर्चाओं का विषय रही। कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के अंत मे सहसंयोजक मधुर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और सबका आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम 5.30 बजे से रात्रि 8 बजे तक हंसी-खुशी और ठहाकों के बीच संपन्न हुआ। सभी प्रतिभागियों ने जमकर गोष्ठी का आनंद उठाया।

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