सामना संवाददाता / नई दिल्ली
चिप बनानेवाली दिग्गज कंपनी इंटेल ने बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों की छंटनी की बात कही है, जिससे यह साफतौर से जाहिर है कि कई देशों में लोगों की नौकरियां जाएंगी। इन देशों में से भारत भी एक हो सकता है। कंपनी की इस बड़ी घोषणा से कई लोगों की नौकरियों अब खतरे में आ गई हैं। करीब १५,००० कर्मचारियों की नौकरियों पर तलवार लटक गई है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि किस देश में कितनी नौकरियां जाएंगी।
छंटनी के बारे में सीईओ पैट गेलसिंगर ने कर्मचारियों को लिखे एक मेमो में कहा, ‘यह हम सभी के लिए एक कठिन दिन है और आगे और भी कठिन दिन आनेवाले हैं, लेकिन यह सब जितना कठिन है, हम अपनी प्रगति को आगे बढ़ाने और विकास के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए आवश्यक बदलाव कर रहे हैं।’ उन्होंने आगे बताया ‘हमारी योजना २०२५ में लागत में १० अरब डॉलर की बचत करने की है और इसमें हमारे कर्मचारियों की संख्या में लगभग १५,००० कर्मचारियों या हमारे कार्यबल के १५ प्रतिशत की कमी शामिल है।’ अगले हफ्ते कंपनी योग्य कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की पेशकश की घोषणा करेगी और व्यापक रूप से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए एक आवेदन कार्यक्रम की पेशकश करेगी। यह स्वीकार करते हुए कि राजस्व अपेक्षा के अनुसार नहीं बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘हमें अभी तक एआई जैसे शक्तिशाली रुझानों का पूरा लाभ नहीं मिला है। हमारी लागत बहुत अधिक है, हमारा मार्जिन बहुत कम है। हमें दोनों को संबोधित करने के लिए और अधिक साहसिक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
फाइनेंसियल सिचुएशन और शेयर बाजार पर प्रभाव
हाल की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार इंटेल ने १.६ बिलियन डॉलर का घाटा दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष के लिहाज से काफी जादा है। राजस्व भी १२.९ बिलियन डॉलर से घटकर १२.८ बिलियन डालर हो गया है। इसके चलते कंपनी के शेयरों में १९ प्रतिशत की गिरावट तो आई ही, जिससे कंपनी का बाजार मूल्य लगभग २४ बिलियन डॉलर कम हो गया है, फाइनेंसियल सिचुएशन और शेयर बाजार पर काफी प्रभाव पड़ा।