मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिसरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 2160 पद खाली, भर्ती प्रक्रिया में...

सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के 2160 पद खाली, भर्ती प्रक्रिया में देरी पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने उठाए सवाल

मुंबई: राज्य के सरकारी कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के हजारों पद खाली पड़े होने और भर्ती प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी के संजय नाग ने इस मुद्दे को उजागर करते हुए सरकार की उदासीनता पर कड़ी आलोचना की।

संजय नाग ने बताया कि प्रदेश में कुल 5314 स्वीकृत पदों में से 2160 पद लंबे समय से खाली हैं। इस कारण सरकारी कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो रही है। हालांकि, विभागीय प्रस्ताव तैयार है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। नाग ने कहा, “साल खत्म हो गया है, लेकिन अभी तक वैकेंसी जारी नहीं हुई। यह सरकार की सुस्ती और शिक्षा क्षेत्र के प्रति उसकी उदासीनता को दिखाता है।”

उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए गंभीर नहीं दिख रही है। खाली पदों को भरने के बजाय सरकार अतिथि शिक्षकों पर निर्भर है, जो केवल एक अस्थायी उपाय है। “यह न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि छात्रों के भविष्य के लिए भी खतरा है,”

भर्ती प्रक्रिया पर वादा और संदेह
सरकार ने अगले महीने दस्तावेज़ सत्यापन और भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का वादा किया है। हालांकि, नाग ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, “देखना होगा कि सरकार अपने वादे को पूरा करती है या फिर एक बार फिर तारीख बढ़ा दी जाएगी।”

शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग
संजय नाग ने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए और स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों का भविष्य प्राथमिकता होनी चाहिए। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि भर्ती प्रक्रिया में और देरी हुई, तो पार्टी इस मुद्दे को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।

अन्य समाचार