सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के ४५ लाख छात्रों को १५ अगस्त २०२४ तक यूनिफॉर्म देने की डेडलाइन दी गई थी। हालांकि, सितंबर भी खत्म हो गया, लेकिन अभी तक २४ लाख छात्रों को यूनिफॉर्म नहीं मिला है। ये ऐसे ही फर्जी हैं! इस सरकार में न तो कपड़े और न ही उसकी सिलाई की गुणवत्ता को देखा गया। इस सरकार ने हड़प का माल बेचने की सारी हदें पार कर दी हैं। स्कूली छात्रों के यूनिफॉर्म को भी इस सरकार ने नहीं बख्शा है। इस तरह का जोरदार तंज विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने कसा है।
विधानसभा चुनाव को देखते हुए ‘घाती’ सरकार कई हजार करोड़ रुपए की लुभावनी योजनाओं की घोषणा कर रही है। इनमें से एक स्कूल की पहली घंटी बजते ही खोके सरकार ने पहले ही दिन मनपा और जिला परिषद स्कूलों के छात्रों को यूनिफॉर्म देने की घोषणा कर दी थी। हालांकि, इस घोषणा की अब धज्जियां उड़ने लगी हैं। ४५ लाख छात्रों में से २४ लाख छात्रों को अभी तक यूनिफॉर्म नहीं मिला है। इसे लेकर अंबादास दानवे ने सरकार पर हमला बोला है।
विद्यार्थियों के साथ
किस तरह चल रहा मजाक
अंबादास दानवे ने सोशल मीडिया पर घाती सरकार द्वारा छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म देनेवाली एक पोस्ट साझा की। इस पोस्ट में उन्होंने एक स्कूल स्टूडेंट की तस्वीर शेयर की है और उसकी यूनिफॉर्म को लेकर शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर का मजाक उड़ाया है।
इस बच्चे द्वारा पहना गया यूनिफॉर्म महाराष्ट्र में तिकड़ी सरकार का प्रतिबिंब है। पहले की बाह दूसरे के शर्ट में, दूसरे की जेब तीसरे के पैंट में, वैâसा चल रहा छात्रों के साथ मजाक? उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि छात्र को प्रयोगशाला में पढ़ाई करनी चाहिए, लेकिन आपने तो अपनी ही प्रयोगशाला बना ली।