अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
उल्हासनगर मनपा के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उल्हासनगर शहर में 26 बोगस डॉक्टरों के कागजातों की जांच कर बोगस होने का पर्दाफाश किया है। मेडिकल स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहिनी धर्मा के अनुसार, पुलिस ने उल्हासनगर शहर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में शिकायत के बाद 18 फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दिलचस्प बात यह है कि जिन फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें से ज्यादातर दूसरे राज्यों से आए हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसा,र जिलाआधिकारी, जिला दंडाधिकारी कार्यालय ठाणे को उल्हासनगर शहर में फर्जी डॉक्टरों के बड़ी संख्या में होने की कई शिकायतें मिली थीं। शिकायत के आधार पर इस संबंध में जब जांच की गई तो उल्हासनगर महानगरपालिका के क्षेत्र में कार्यरत कुल 26 डॉक्टरों के नामों की सूची प्राप्त हुई थी। उनके खिलाफ जांच करने के लिए कार्रवाई शुरू की गई। इस अभियान के तहत आयुक्त एवं प्रशासक के माध्यम से निर्देश दिए गए थे कि फर्जी प्रमाण पत्र रखने वाले डॉक्टरों के सभी दस्तावेजों की जांच की जाए। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। वरिष्ठ अधिकारी फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज कर स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से डाॅ. मोहिनी धर्मा (स्वास्थ्य अधिकारी )और उनकी टीम को जांच में यह पाया गया कि शहर में कई डॉक्टर बिना मेडिकल लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन के अलावा पढाई के अनुरूप प्रैक्टिस नहीं कर रहे थे। दस्तावेजों में ऐसे फर्जी डॉक्टर पाए गए। कुल 18 डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शेष 8 डॉक्टरों में से 3 डाक्टर महाराष्ट्र काउंसिल में पंजीकृत हैं। जब 4 डॉक्टरों का निरीक्षण किया गया तो उनके क्लीनिक बंद पाए गए।एक डॉक्टर कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका क्षेत्र से आ रहा था, इसलिए कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका द्वारा उक्त डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। ऐसी जानकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहिनी धर्मा ने दी।
मनपा प्रशासन की शहरवासियो से अपील
मनपा प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि नागरिकों को ऐसे अवैध डॉक्टरों से इलाज नहीं करवाना चाहिए। उन्हें संदिग्ध चिकित्सा पद्धतियों के बारे में तुरंत प्रशासन को सूचित करना चाहिए। इसके अलावा वैध चिकित्सा व्यवसायों में कार्यरत डॉक्टरों को आवश्यक लाइसेंस रखना चाहिए, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी, ऐसी जानकारी डॉ. मोहिनी धर्मा ने दी है।