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म्यांमार-बोकेओ में फंसे हैं … ३०० भारतीय साइबर गुलाम! … टारगेट पूरा नहीं हुआ तो होता है रेप, पिटाई और अत्याचार

– जबरदस्ती कराई जाती है हिंदुस्थानियों से साइबर ठगी
फिरोज खान / मुंबई
सायबर गुलामी का खौफनाक खुलासा हुआ है। विदेशों में भारतीय लोगों को सायबर ठगी की जंजीर में जकड़ कर रखा जा रहा है। टारगेट पूरा नहीं करने पर महिलाओं का रेप किया जाता है और पुरुषों के साथ मारपीट कर उन्हें एक कमरे में बंद कर भूखा-प्यासा रखा जाता है। इस तरह का सनसनीखेज खुलासा सायबर गुलामी से बचकर आए पीड़ितों ने किया है। बचकर आनेवाले ६ लोग मुंबई के रहनेवाले हैं। पीड़ितों ने यह भी खुलासा किया है कि अभी भी ३०० से ज्यादा भारतीय सायबर गुलामी में फंसे हुए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, म्यांमार, बोकेओ के लाओस प्रांत से रचा जा रहा है डिजिटल अरेस्ट ठगी का कारोबार। फर्जी नौकरी का झांसा देकर भारतीय नागरिकों को लाओस में चीनी सिंडिकेट द्वारा डिजिटल अरेस्ट ठगी का काम करवाया जा रहा है। बोकेओ का लाओस प्रांत में चीनी सिंडिकेट का मुख्यालय बन गया है। हाल ही में सायबर गुलामी के चंगुल से बचकर मुंबई के ६ लोग आए हैं। घाटकोपर में रहनेवाले सलमान खान ने बताया कि उसे बैंकॉक में कंप्यूटर की नौकरी दिलाने के नाम पर ले गए थे, लेकिन बाद में उसे पता चला कि बैंकॉक के बजाय उसे लाओस ले जाया गया, वहां उनसे भारतीय लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके ठगी का जबरन काम करवाया जाता था।
चाइनीज साइबर क्राइम स्वैâम सेंटर भी है बना

दीवा निवासी विजय कुमार को भी दिया गया नौकरी का झांसा

सायबर गुलामी में फंसे दीवा के रहनेवाले विजय कुमार को भी सलमान खान की तरह नौकरी का झांसा देकर लाओस ले जाया गया और डिजिटल अरेस्ट ठगी का काम करवाया गया। इनके अलावा मुंबई के चार और लोग सायबर गुलामी से बचकर आए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, ३०० से ज्यादा भारतीय नागरिक अभी भी लाओस में सायबर गुलामी के जाल में फंसे हुए हैं।
पीड़ितों ने बताया कि लाओस में बाकायदा चायनीज सायबर क्राइम स्वैâम सेंटर बना हुआ है। वहां चायनीज लोग भारतीय नागरिकों को सायबर गुलाम बनाकर उन्हें हिंदी में बनी स्क्रिप्ट देकर डिजिटल अरेस्ट करवाने का काम करवाते हैं। पीड़ितों ने यह भी बताया कि ठगी करने के लिए टारगेट दिया जाता है। अगर टारगेट पूरा नहीं किया गया तो महिलाओं के साथ रेप किया जाता है और पुरुषों को कमरे में बंद कर भूखा-प्यासा रखा जाता है।
बांग्लादेश, नेपाल से भी लाया जाता है लोगों को
भारत ही नहीं, बांग्लादेश, नेपाल और अन्य जगहों से महिलाओं और पुरुषों को झूठे बहाने से इन क्षेत्रों में लाया जाता है और उनसे जबरन सायबर क्राइम करवाया जाता है। साल २०२४ में भारतीय दूतावास द्वारा बोकेओ के गोल्डन ट्राएंगल स्पेशल इकोनॉमिक जोन स्थित सायबर क्राइम केंद्रों में फंसे ४७ भारतीय नागरिकों को छुड़ाकर लाया गया था।

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