सामना संवाददाता / नई दिल्ली
जम्मू में लगातार बढ़ते आतंकी हमलों के बाद आए दिन सैनिकों के शहीद होने की खबरें सामने आ रही हैं, जिसके बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें कहा गया है कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले ३८ दिनों के भीतर नौ आतंकवादी हमले हुए, जिनमें १२ सैनिक मारे गए। बता दें कि डोडा जिले में आतंकी हमले में एक अधिकारी सहित चार जवान शहीद हुए हैं।
कांग्रेस ने जताया शोक
कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक ग्राफिक पोस्ट किया है, जिसमें दावा किया गया कि ९ आतंकवादी हमलों में १२ सैनिक मारे गए, १३ घायल हुए, १० नागरिक मारे गए और ४४ घायल हुए। पार्टी ने शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकवादी मुठभेड़ में हमारे चार जवान शहीद हो गए हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे पुण्य आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
खड़गे ने उठाए सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए और कहा कि सभी को सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ऐसे काम कर रही है जैसे सब कुछ ‘सामान्य चल रहा है’ और कुछ भी नहीं बदला है। हम झूठी डींगें हांककर, फर्जी बयानबाजी करके और शोर-शराबा करके अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमारे बहादुर सशस्त्र बलों के साथ मजबूती से खड़ी है।
कब तक लाशें गिनते रहेंगे -प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए चार जवानों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। प्रियंका गांधी ने कहा कि डोडा में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में सेना के एक अधिकारी समेत चार जवानों की शहादत का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। उन्होंने आगे कहा कि लगातार बढ़ते आतंकवादी हमले गंभीर सवाल खड़े करते हैं। क्या देश के राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका सिर्फ इतनी होनी चाहिए कि हर शहादत पर दुख जताकर मौन हो जाए? पिछले ७८ दिन में जम्मू-कश्मीर में ११ आतंकवादी हमले हो चुके हैं। इन हमलों में सेना और पुलिस के १३ जवान शहीद हुए। ९ जून को एक यात्री बस पर हुए हमले में ९ श्रद्धालु मारे गए। ये हमले और हमारे सैनिकों की शहादतें रोकने के लिए सरकार कूटनीतिक-रणनीतिक मोर्चे पर क्या उपाय कर रही है? कभी नोटबंदी, कभी अनुच्छेद ३७० के बहाने आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के फर्जी दावे की कीमत हमारे जवान अपनी जान देकर चुका रहे हैं। हम कब तक अपने शहीदों की लाशें गिनते रहेंगे?