सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड की प्रमुख निर्यात सुविधा से अप्रैल महीने से विदेशों में आम का निर्यात शुरू हो जाएगा। तदनुसार, आम के निर्यात के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं के लिए सभी सुविधाएं सुसज्जित हैं। बोर्ड ने बताया कि इस वर्ष ४ हजार मीट्रिक टन आम निर्यात करने का लक्ष्य रखा गया है। हर साल आम का असली मौसम मार्च के महीने में शुरू होता है, जबकि हापुस का आगमन फरवरी से शुरू होता है। देश में तो मांग है ही, विदेशों में भी भारतीय आम को पसंद किया जा रहा है। खाड़ी देशों, यूरोपीय देशों, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया को निर्यात किया जाता है। देश से हर साल होने वाले कुल आम निर्यात में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी ८० से ८५ फीसदी होती है। हापुस का निर्यात महाराष्ट्र सरकार के कृषि विपणन मंडल सुविधा केंद्र से एक विशेष प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। कृषि विपणन बोर्ड विभाग की ओर से प्रदेश से आम का निर्यात बढ़ रहा है। हापुस के साथ केसर, तोतापुरी, सुवर्णरेखा, बेगनपल्ली का निर्यात जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय देशों में किया जाता है।
कृषि विपणन बोर्ड की विकिरण सुविधा में अमेरिकी निरीक्षक १ अप्रैल से उपलब्ध होंगे। उनकी उपस्थिति में आम की खुराक की मैपिंग की जाएगी और वास्तविक आम का निर्यात ३ अप्रैल से शुरू होगा। निर्यातकों की उम्मीद के मुताबिक इस साल कृषि विपणन बोर्ड के तीन सुविधा केंद्रों वी-किरण, वीपीएफ और बीएचटी से करीब ४ हजार मीट्रिक टन आम निर्यात करने की योजना बनाई गई है। महाराष्ट्र के अलावा, केरल, कर्नाटक और गुजरात राज्यों के निर्यातक भी वी-किरण सुविधा केंद्र का दौरा कर रहे हैं और नए निर्यातक इस सुविधा केंद्र से जुड़ने जा रहे हैं।
आम निर्यात लक्ष्य (मीट्रिक टन)
यूरोपीय देश – १,७१०
अमेरिका – १,३००
न्यूजीrलैंड- २००
ऑस्ट्रेलिया – ७५
जापान – ७०
दक्षिण कोरिया – १०
कुल – ३,३६५