– हमलों को रोकने के लिए योजना तैयार करने का सीएम ने दिया निर्देश
सामना संवाददाता / मुंबई
गडचिरोली जिले में पिछले पांच वर्षों में बाघ के हमलों में ५० से अधिक लोगों की मौत हो गई। विशेष रूप से गडचिरोली, चार्मोशी, आरमोरी, वडसा और धानोरा क्षेत्र में बाघों के हमलों में नागरिकों की जान गई है। पचास लोगों की मौत के बाद अब महायुति सरकार जागी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाघों के हमले से नागरिकों को बचाने के लिए तीन महीने में योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही गडचिरोली की स्थिति का अध्ययन करके अतिरिक्त बाघों का स्थानांतरण करने के भी निर्देश दिए हैं।
पिछले पांच वर्षों में बाघ के हमलों में मारे गए नागरिकों के परिवारों को विशेष नुकसान भरपाई देने के निर्देश मुख्यमंत्री फडणवीस ने दिए थे। इसके संदर्भ में स्थिति का अवलोकन करने के बाद ‘मित्रा’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी परदेशी के मार्गदर्शन में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभिन्न उपायों पर चर्चा की गई। इसमें गडचिरोली के चपराला और प्राणहिता अभयारण्य में सागवन के पेड़ों की छंटाई और घास का क्षेत्र बढ़ाने का निर्णय लिया गया, ताकि घास खाने वाले जानवरों की संख्या बढ़ सके और मांसाहारी जानवरों को भोजन मिल सके। प्रत्येक गांव में पुलिस पाटील के तर्ज पर वन पाटील नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया है। स्थानीय लोगों को जंगल में लकड़ी इकट्ठा करने के लिए जंगल में न जाना पड़े, इसके लिए गांव में पाइप लाइन के माध्यम से सीबीजी गैस आपूर्ति करने और किसानों के खेतों में घास उगाकर सीबीजी के लिए उपयोग करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सीबीजी गैस प्लांट स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया। वन्य जीवों द्वारा फसलों के किए नुकसान की भरपाई जल्द करने के लिए ई-पंचनामा करने, बाघों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर चपराला अभयारण्य के ६ गांवों के स्थानांतरण के लिए सामाजिक और आर्थिक मूल्यांकन करने, पुनर्वास के लिए नए स्थान की तलाश करने के उपायों पर चर्चा की गई।