सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार की विफलता के कारण हिंजेवाड़ी की ३७ आईटी कंपनियां महाराष्ट्र से बाहर चली गई हैं। इससे महाराष्ट्र के युवाओं की ५८,००० नौकरियां चली जाएंगी। राज्य में ईडी सरकार द्वारा महाराष्ट्र में कोई नया उद्योग नहीं लाया गया है, लेकिन मौजूदा शिंदे सरकार महाराष्ट्र का उद्योग जगत भी संभाल नहीं पा रही है। यदि राज्य सरकार १० जून तक इन कंपनियों को फिर से महाराष्ट्र में रहने की अनुमति देने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती है तो राकांपा (शरदचंद्र पवार) पार्टी के युवा प्रदेश अध्यक्ष मेहबूब शेख ने पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा ईडी सरकार राज्य में नए रोजगार पैदा करने में विफल रही है। जो रोजगार उपलब्ध है, उन्हें भी रोकने में विफल साबित हो रही है।
राज्य के पुणे, पिंपरी, चिंचवड़ की कंपनियां अब राज्य से बाहर जा रही हैं। वेदांत फॉक्सकॉन, टाटा एयरबस, सिंधुदुर्ग परियोजना, हीरे का उपयोग, बॉलीवुड का फिल्मफेयर पुरस्कार सभी गुजरात चले गए, कल हिंजेवाड़ी की ३७ आईटी कंपनियां महाराष्ट्र से बाहर जा रही हैं। इन सबके बावजूद राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जिस प्रकार उद्योग गुजरात ले जा रहे है, उसी प्रकार महाराष्ट्र में चलने वाले पबों, हुक्का पार्लर ले जाना चाहिए, लेकिन महाराष्ट्र के युवाओं के हाथ में बेरोजगारी का कटोरा देने का काम भाजपा सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, १०.८ प्रतिशत है। सरकार बेरोजगारी दूर करने की बजाय भाजपा पार्टियों को तोड़ने का काम कर रही है। पुणे से पलायन करने वाली ये कंपनियां राज्य की शिंदे सरकार नहीं रोक सकी तो १० जून के बाद हम राज्य राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस (शरदचंद्र पवार) पार्टी की ओर से पूरे महाराष्ट्र में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करेंगे।