-चार बार बढ़ी समयसीमा
सामना संवाददाता / मुंबई
एक तरफ जहां केंद्र सरकार ग्रीन एनर्जी को प्राथमिकता में लाने के लिए बड़े-बड़े वादे किए, वहीं सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी (महाजेनको), जिसने महाराष्ट्र में ६०० मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए टेंडर आमंत्रित किया था। चौथी बार इस टेंडर की समय सीमा आगे बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि यह प्रोजेक्ट बोलीदाताओं को आकर्षित करने में विफल रहा है। अंतिम समय सीमा २८ मई थी, जिसे बढ़ा के १० जून किया है।
बता दें कि महाजेनको ने अक्टूबर २०२३ में परियोजना के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। एक परियोजना का न्यूनतम आकार ५० मेगावाट और एक ही स्थान पर अधिकतम आकार २०० मेगावाट तय किया गया था। भूमि खरीद, अनुमति और बिजली निकासी सिस्टम के साथ परियोजना की स्थापना की जिम्मेदारी बोली लगानेवाले की थी। यह २०३० तक महाराष्ट्र में ८,००० मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की महाजेनको की महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा था। इस परियोजना की मदद से स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त होगी, जिससे कोयला आधारित थर्मल पॉवर परियोजनाओं से कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
तीन बार समय सीमा बढ़ने पर भी नहीं मिली प्रतिक्रिया
मिली जानकारी के अनुसार, जब से टेंडर निकला है, तब से २८ मई तक महाजेनको ने बोलियां जमा करने के लिए तीन बार तारीख बढ़ाई हैं, लेकिन प्रत्येक समय सीमा बोलीदाताओं को आकर्षित करने में विफल रही। अब तीसरे विस्तार की समय सीमा समाप्त होने के बाद राज्य बिजली उत्पादन कंपनी ने १० जून तक चौथा विस्तार दिया है। महाजेनको के अधिकारी से संपर्क करने पर उसने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि विस्तार का कारण महाजेनको से संबंधित नहीं है, लेकिन राज्य सरकार के अन्य विभाग को इस परियोजना में बोली लगानेवाले को भूमि अधिग्रहण और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए इसके उपयोग से संबंधित सभी अनुपालन को पूरा करना होगा। इसमें विभिन्न सरकारी विभाग शामिल होने के कारण समय लगा। इसके अलावा पिछले तीन महीने से लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के कारण सरकारी अधिकारी चुनाव ड्यूटी पर थे, जिससे देरी हुई। करीब आठ कंपनियों ने बोली दस्तावेज खरीदे हैं, लेकिन जमीन से जुड़े अनुपालन के चलते उन्हें समय की जरूरत है इसलिए हमने १० जून तक का विस्तार दिया है।