-नाराज नर्सों ने आयुक्त से लगाई गुहार
-हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत करीब ६०० नर्सों को पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने से अब उन्हें घर चलाने में परेशानियां हो रही हैं। इस वजह से उनमें गुस्से की लहर दौड़ने लगी है। इस मामले में यदि मनपा प्रशासन ने जल्द ही हस्तक्षेप नहीं किया तो यह गुस्सा किसी भी समय हड़ताल के रूप में फूट सकता है। इसे देखते हुए कामगार संगठनों ने मनपा आयुक्त से मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाते हुए अविलंब वेतन का भुगतान करने की मांग की है।
मुंबई मनपा अस्पतालों में नर्सों की भारी कमी थी, इसलिए चार महीने पहले विभिन्न अस्पतालों में ६०० नर्सों की नियुक्ति की गई थी। लेकिन पिछले चार महीनों से वेतन न मिलने की वजह से उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। नर्स अब सवाल पूछ रही हैं कि आखिरकार वे कब तक बिना वेतन के कार्य करती रहेंगी। दूसरी ओर मनपा की तरफ से तकनीकी दिक्कतों का हवाला देकर वेतन नहीं दिया जा रहा है। मनपा के इस रवैये को लेकर नर्सें कह रही हैं कि आखिरकार मनपा और कितने दिनों तक ऐसा करती रहेगी।
मनपा से नहीं मिला संतोषजनक जवाब
अस्पतालों में तीन शिफ्टों में काम करने के बावजूद चार महीने से वेतन न मिलने पर सभी नर्सों ने कई बार इस बारे में मनपा प्रशासन से जवाब मांगा, लेकिन हर बार उन्हें केवल निराशा ही मिली। प्रशासन की ओर से जब किसी तरह का कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिला, तब उन्होंने कामगार यूनियनों से मदद मांगी। इसके बाद वेतन में देरी पर महानगर आरोग्य सेवा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष एड. प्रकाश देवदास ने मनपा आयुक्त भूषण गगरानी का ध्यान आकृष्ट कराया है।
आंदोलन की चेतावनी
हर माह वेतन मिलना अनिवार्य है, लेकिन मनपा के स्वास्थ्य विभाग की बदइंतजामी के कारण इन नर्सों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। कामगार संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द निर्णय लेकर नर्सों के बैंक खाते में वेतन नहीं डाला गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।