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राज्य पर ७ लाख ११ हजार करोड़ कर्ज का बोझ …गुजरात प्रति व्यक्ति आय के मामले में महाराष्ट्र से आगे

उद्योग धंधे ले जाने वाले गुजरात ने दिया झटका
महाराष्ट्र पांचवें स्थान से छठे स्थान पर खिसका
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि

सामना संवाददाता /मुंबई
महाराष्ट्र की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट से कल यह साफ हो गया है कि महाराष्ट्र से उद्योग-धंधे ले जाने वाला गुजरात प्रति व्यक्ति आय के मामले में महाराष्ट्र से आगे निकल गया है। वर्ष २०२२-२३ में प्रति व्यक्ति आय में महाराष्ट्र पांचवें स्थान पर था। लेकिन एक साल के भीतर ही महाराष्ट्र प्रति व्यक्ति आय के मामले में छठवें स्थान पर आ गया है, जबकि राज्य पर कर्ज का बोझ ७ लाख ११ हजार २७८ करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र में जहां कानून व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है, वहीं देखा गया है कि कृषि आय भी घटती जा रही है।
उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने कल विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन वर्ष २०२३-२४ के लिए वित्तीय ऑडिट रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से राज्य की प्रति व्यक्ति आय और कृषि उत्पादन में गिरावट देखी गई है।
तेलंगाना पहले स्थान पर रहा
प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े राज्य की आर्थिक स्थिति की तस्वीर बताते हैं। इसके मुताबिक, प्रति व्यक्ति आय के मामले में तेलंगाना देश में पहले क्रमांक पर है। प्रति व्यक्ति आय वृद्धि में तेलंगाना ने कर्नाटक को पीछे छोड़ दिया है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में तेलंगाना के बाद कर्नाटक, हरियाणा, तमिलनाडु और गुजरात हैं। हालांकि महाराष्ट्र छठवें स्थान पर खिसक गया है, हालांकि राज्य की प्रति व्यक्ति आय वर्ष वर्ष-२०२२-२३ की तुलना में बढ़ी है। वर्ष २०२१-२२ में प्रति व्यक्ति आय २ लाख १९ हजार ५७३ रुपए थी, वर्ष २०२२-२३ में यह बढ़कर २ लाख ५२ हजार ३८९ रुपए हो गई है। रिपोर्ट का अनुमान है कि वर्ष २०२३-२४ में प्रति व्यक्ति आय २ लाख ७७ हजार ६०३ रुपए होगी।
कृषि आय में कमी
राज्य के कृषि और संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र में १.९ प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद थी लेकिन अनाज, दलहन, तिलहन, गन्ना के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में क्रमश: २३ प्रतिशत, १० प्रतिशत, २ और १७ प्रतिशत की कमी देखी गई है। इससे राज्य की चिंता बढ़ेगी।

कर्ज का बढ़ता ग्राफ
वर्ष २०२३-२४ में देश और राज्य की अर्थव्यवस्था में ७.६ प्रतिशत की वृद्धि होगी, संशोधित अनुमान के अनुसार, वर्ष २०२३-२४ के लिए राज्य का राजस्व ४ लाख ८६ हजार १६ करोड़ और राजस्व व्यय ५ लाख ६४७ करोड़ है। पिछले वित्तीय वर्ष के फरवरी तक के वास्तविक राजस्व व्यय में वृद्धि जताई गई है। मार्च २०२४ के आखिरी तक राज्य में कर्ज का आंकड़ा ७ लाख १० हजार २७८ करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जबकि राज्य का कर्ज सकल घरेलू उत्पाद के २५ प्रतिशत तक होना चाहिए, २०२३ के आखिरी तक ६ लाख ४९,६९९ करोड़ रुपए तक कर्ज होगा, ऐसा अंदाजा पिछले वर्ष बताया गया था।

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