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दक्षिण मुंबई में कभी भी गिर सकती हैं ७५ इमारतें! …कुल १४,००० इमारतें हैं खतरनाक …म्हाडा के संरचनात्मक निरीक्षण में हुआ खुलासा

सामना संवाददाता / मुंबई
म्हाडा की मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन काउंसिल ने दक्षिण मुंबई में उपकर प्राप्त इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करने का पैâसला किया है। तदनुसार, प्रथम चरण में ५५७ उपकर प्राप्त भवनों का संरचनात्मक निरीक्षण पूरा हो चुका है और ४३८ की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ७५ इमारतें बेहद खतरनाक स्थिति में पाई गई हैं। इन खतरनाक इमारतों को खाली कराने और उनका पुनर्विकास करने की तत्काल आवश्यकता है। इसलिए सुधार बोर्ड ने इन बिल्डिंगों में किराएदारों को बेदखली के साथ नई पुनर्विकास नीति के तहत ७९ (ए) नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।
दक्षिण मुंबई में लगभग १४,००० उपकर प्राप्त बिल्डिंगों के पुनर्विकास का मुद्दा महत्वपूर्ण है। चूंकि ये सभी इमारतें खतरनाक हैं, इसलिए पुनर्विकास बोर्ड ने अब इनके पुनर्विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक नई पुनर्विकास रणनीति के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए काम शुरू कर दिया है। तदनुसार, बोर्ड खतरनाक इमारतों को ७९ए नोटिस जारी करके पुनर्विकास में तेजी लाने की कोशिश कर रहा है। बोर्ड ने उन इमारतों की पहचान करने के लिए १४,००० इमारतों का चरणबद्ध संरचनात्मक निरीक्षण करने का निर्णय लिया है, जिनके तत्काल पुनर्विकास की आवश्यकता है। इस पैâसले के मुताबिक, पहले चरण में एक हजार इमारतों के ढांचागत निरीक्षण का काम कुछ महीने पहले शुरू किया गया था। तदनुसार, मरम्मत बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अब तक ५५७ इमारतों का संरचनात्मक निरीक्षण पूरा हो चुका है। यह संरचनात्मक निरीक्षण ७८ संरचना लेखा परीक्षकों के माध्यम से किया जा रहा है। जिन ५५७ भवनों का संरचनात्मक निरीक्षण पूरा हो चुका है, उनमें से ४३८ भवनों की रिपोर्ट बोर्ड को दी गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ४३८ इमारतों में से ७५ इमारतें बेहद खतरनाक हैं।

१३५ इमारतों की तत्काल मरम्मत कराने की आवश्यकता
५५७ इमारतों में से ४३८ की संरचनात्मक निरीक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, ७५ इमारतों को ‘सी-१’ श्रेणी के तहत अत्यधिक खतरनाक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। दूसरी ओर, यह स्पष्ट है कि १३५ इमारतें ‘सी२ए’ श्रेणी में हैं। इन इमारतों की तत्काल बड़ी मरम्मत की आवश्यकता है। ‘सी२बी’ श्रेणी की २०२ इमारतों की तत्काल मरम्मत की जरूरत है। ‘सी३’ श्रेणी में २६ इमारतें हैं और इन इमारतों को मामूली मरम्मत से गुजरना पड़ता है। इस बीच ४३८ में से ७५ इमारतें ‘सी-१ श्रेणी’ में पाई गई हैं और बेहद खतरनाक इमारतों की संख्या बड़ी है। इसलिए, जैसे-जैसे संरचनात्मक निरीक्षण रिपोर्ट पेश की जाएगी। खतरनाक इमारतों की संख्या में वृद्धि होगी। ऐसी इमारतों को खाली कराने की बड़ी चुनौती बोर्ड के सामने रहने वाली है।

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