सामना संवाददाता / मुंबई
बुधवार को बांद्रा-पूर्व स्थित उत्तर भारतीय संघ भवन में उत्तर भारतीयों का सपना साकार करने वाले बाबू आरएन सिंह की 77वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर 15 दिव्यांगों को स्वरोजगार घरघंटी (आटा चक्की) का वितरण किया गया। कार्यक्रम का आयोजन उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष संतोष आरएन सिंह ने किया। इस मौके पर उत्तर भारतीय संघ के ट्रस्टी, पदाधिकारी, सदस्य और उत्तर भारतीय समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत में बाबू आरएन सिंह की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. राधेश्याम तिवारी ने इस मौके पर कहा कि बाबू आरएन सिंह इतिहास बनाकर गए हैं। आज हम उन्हें अश्रुपूरित आंखों से याद कर रहे हैं। स्व. बांकेराम तिवारी ने उत्तर भारतीय समाज के भवन का जो सपना देखा था, उसे बाबू आरएन सिंह ने पूरा किया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्थान के कोने-कोने तक बाबू आरएन सिंह की सोच पहुंचे और पुणे, नाशिक और संभाजीनगर में भी संघ का भवन बने। तिवारी ने कहा कि वे उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष संतोष आरएन सिंह के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। उन्हें समाज का पूरा समर्थन मिल रहा है। मीरा रोड में उत्तर भारतीय भवन बनाने का कई लोग दावा कर रहे हैं, लेकिन यह काम संतोष आरएन सिंह ही पूरा करेंगे।
संघ के उपाध्यक्ष रमेश बहादुर सिंह ने बाबू आरएन सिंह को याद करते हुए कहा कि जिन्हें पूछने वाला कोई नहीं था, उन्हें पूछने वाले बाबू आरएन सिंह थे। उनका और मेरा तीन दशकों का साथ रहा। कार्यक्रम का संचालन संस्था के महामंत्री देवेंद्र तिवारी ने किया। कार्यक्रम के दौरान लोकगायक सुरेश शुक्ला और उनकी टीम ने राम भजन पेश कर माहौल को राममय बना दिया।
इस मौके पर कार्याध्यक्ष शारदा प्रसाद सिंह, अक्षैवर तिवारी, जीएस भदौरिया, डॉ. किशोर सिंह सहित बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय समाज के लोग उपस्थित थे।