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`सुसाइड डिजीज’ से सावधान! …मानसिक तरीके से तोड़ देती है बीमारी असहनीय दर्द मरने पर कर रहा मजबूर

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
इन दिनों सुसाइड डिजीज को लेकर सावधानियां बरतने की सलाह वैज्ञानिकों द्वारा दी जा रही है। ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को आम बोलचाल की भाषा में ‘आत्महत्या रोग’ कहा जाता है, क्योंकि इससे व्यक्तियों को असहनीय दर्द होता है जिसे सहन करना आसान नहीं होता। तीव्र, अचानक चेहरे पर दर्द के दौरे, जिन्हें अक्सर बिजली के झटके के रूप में भी बताया जाता है। निरंतर पीड़ा दिमागी हालत पर गहरा असर डालती है, जिससे गंभीर भावनात्मक संकट, चिंता और डिप्रेशन होता है। दरअसल, इसकी चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि हाल ही में चेन्नई के कौवेरी अस्पताल में ८५ वर्षीय बी. वीरास्वामी ने भी ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के लिए माइक्रोवास्कुलर डिकम्प्रेसन सर्जरी करवाई। बीमारी के कारण हुए तेज दर्द के चलते वे बात नहीं कर पाते थे, यहां तक कि दांत भी ब्रश नहीं कर पाते थे।
१५ सालों से थे पीड़ित
बी. वीरास्वामी ने बताया कि लगभग १५ सालों तक तो हल्का सा छूना भी दर्द का झटका दे देता था। मैं फोन पर बात करते हुए अचानक कॉल काट देता था और लोगों से बात करना ही बंद कर दिया। मेरी दवाओं की खुराक छह गुना बढ़ गई, लेकिन दर्द और मेरी उम्र दोनों ही बढ़ती चली गर्इं। दवाओं के नुकासन के कारण मैं ठीक से चल भी नहीं पाता था और घर के अंदर ही रहने को मजबूर था।
क्या है ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया?
यह एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो ट्राइजेमिनल नस को प्रभावित करती है। यह नस चेहरे की सेंसिटिविटी को दिमाग तक पहुंचाने का काम करती है। इस बीमारी में नस पर दबाव पड़ने या डैमेज होने के कारण अचानक तेज दर्द होता है। यह दर्द चेहरे के विभिन्न हिस्सों में जैसे आंखों के आसपास, गालों पर और जबड़े में हो सकता है।
क्यों इसे कहते हैं सुसाइड डिजीज?
इस बीमारी को `सुसाइड डिजीज’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह मरीज को मानसिक रूप से भी तोड़ देता है। तेज दर्द के कारण मरीज को लगातार तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है। कुछ मरीजों में तो दर्द इतना ज्यादा हो जाता है कि वे आत्महत्या का विचार भी करने लगते हैं। इसलिए इस बीमारी का समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी है।

गंभीर बीमारी की चपेट में आए थे सलमान खान
२०११ में फिल्म बॉडीगार्ड की रिलीज से कुछ दिन पहले ही सलमान खान ने अमेरिका में सर्जरी करवाई थी। एक्टर ने बाद में खुलासा किया था कि खान ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया नामक न्यूरोलॉजिकल बीमारी से पीड़ित थे, जिसके कारण कई सालों से उनके सिर, गाल और जबड़े में तेज दर्द हो रहा था। यह बीमारी कपाल नर्व में सबसे बड़ी ट्राइजेमिनल नर्व से उत्पन्न होती है और चेहरे से दिमाग तक दर्द रहता है। ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को अक्सर सबसे गंभीर प्रकार के दर्द में से एक के रूप में बताया जाता है और इसलिए इसे आत्महत्या रोग भी कहा जाता है।

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