मुख्यपृष्ठनए समाचारझारखंड में सोरेन गिरफ्तार ... महाराष्ट्र में भड़के आदिवासी

झारखंड में सोरेन गिरफ्तार … महाराष्ट्र में भड़के आदिवासी

सरकार का असली चेहरा आया सामने
लोकतंत्र को कुचल रही है मोदी सरकार

योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर पालघर जिले के आदिवासियों में भी आक्रोश भड़क गया है। आदिवासी संगठनों के नेताओं ने भाजपा को आदिवासी विरोधी बताया और कहा कि आदिवासी होने के कारण हेमंत सोरेन के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। आदिवासियों के संगठन के नेता शशि सोनावणे ने कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर पालघर और नंदूरबार के आदिवासियों के संगठनों के बीच चर्चा जारी है। जल्द आगे की रणनीति पर बैठक की जाएगी।
हेमंत सोरेन भाजपा के साथी होते तो भी क्या उन पर कार्रवाई होती?
भूमिसेना के नेता शशि सोनावणे ने कहा कि झारखंड में लोकतंत्र को कुचलने वाली कार्रवाई से भाजपा का आदिवासी विरोधी चेहरा सामने आ गया है। सोनावणे ने सवाल पूछा कि क्या अगर सोरेन भाजपा के साथी होते तब भी क्या वह भ्रष्ट होते और ईडी उन पर कार्रवाई का साहस दिखा पाती। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का जो तरीका अपनाया गया वह साफ बताता है कि किस तरह संवैधानिक मूल्यों का दमन किया जा रहा है।

सोरेन की गैरकानूनी है गिरफ्तारी
आदिवासी नेता और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के जिला परिषद सदस्य जयेंद्र दुबला ने दावा किया कि भाजपा महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के बड़े मुद्दों के सामने बुरी तरह से पस्त है। लोगों का ध्यान जरूरी मुद्दों से हटाने के लिए वो सरकारें गिराकर एक मुख्यमंत्री को गिऱफ्तार कर लोकतंत्र को रौंद रही है। दुबला ने कहा कि झारखंड के सीएम की गिरफ्तारी पूरी तरह से गैर-कानूनी है।

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