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पेटीएम पर पाबंदी! … आरबीआई का झटका, एक मार्च से बंद हो जाएगा ऐप

सुशील राय
केंद्र में सत्ता पर काबिज होने के बाद मोदी सरकार ने देश को विश्व गुरु बनाने का सपना दिखाया। नई-नई योजनाएं बनाई गर्इं, लेकिन ज्यादातर असफल साबित हुर्इं। सरकार ने सबसे अधिक फोकस डिजिटलीकरण पर किया, जिसे `डिजिटल इंडिया’ का नाम दिया गया। इसके तहत छोटे से लेकर बड़े हर स्तर पर वैâशलेस लेनदेन का जैसे चलन ही शुरू हो गया। गूगल पे, फोन पे, भीम, भारत पे एवं पेटीएम जैसे तमाम बैंकिंग ऐप्स लॉन्च हुए, जिनको रेगुलेट भारतीय रिजर्व बैंक करता है।
देश की जनता धीरे-धीरे इन ऐप्स पर निर्भर हो गई। इसके बाद जनता की जेब से पैसे निकालने का खेल शुरू हुआ। सबसे पहले आरबीआई ने ऐप्स से जीएसटी वसूलना शुरू किया, जिसका असर आम नागरिकों पर भी पड़ा। अब इस सरकार को बैंकिंग ऐप्स में खामियां नजर आने लगी हैं। आरबीआई ने पेटीएम ऐप को बंद करने का एलान किया है। पेटीएम को २९ फरवरी तक सभी तरह के ट्रांजैक्शन को बंद करने का फरमान जारी किया या है यानी पेटीएम पर पाबंदी लग जाएगी।
आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को २९ फरवरी के बाद ग्राहक खातों या प्रीपेड उपकरणों जैसे वॉलेट और फास्टैग में जमा स्वीकार करने या क्रेडिट लेनदेन, या टॉप-अप की अनुमति देने से रोक दिया है। आरबीआई का कहना है कि पेटीएम ने उसके द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया है। इस निर्णय से यूजर्स को चिंता सता रही है कि अब उनके खाते का क्या होगा? अब वो अपने खाते से पैसे कैसे ट्रांसफर करेंगे? सबसे बड़ा झटका उन लोगों को लगा है, जिन्होंने आपातकालीन स्थिति में इस ऐप से लोन लिया है। वे इस असमंजस में हैं कि जिस लोन को एक-दो सालों में चुकाने के लिए सोचा था, उसे २८-२९ दिनों में कैसे भरेंगे।
इन पर पड़ेगा असर
पेटीएम बैंक से आपकी कोई ईएमआई या स्टेटमेंट पेंडिंग है तो उसे क्लियर कर लें।
पेटीएम से फास्टैग रिचार्ज नहीं होगा यानी पेटीएम से टोल प्लाजा पर भुगतान नहीं कर पाएंगे।
 २९ फरवरी २०२४ के बाद पेटीएम लोन सेवा बंद हो जाएगी।
इसके अलावा आप कोई टॉप-अप नहीं कर पाएंगे, गिफ्ट कार्ड नहीं भेज पाएंगे। पेटीएम वॉलेट रिचार्ज भी नहीं होगा।
लोन को लौटाना बहुत मुश्किल होगा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पेटीएम पर अचानक बैन लगाने का निर्णय एकदम गलत है। पेटीएम ने महंगे दरों पर गरीब लोगों को लोन दिया है। उनके लिए एक महीने के अंदर लोन को लौटाना बहुत मुश्किल होगा। आरबीआई को निर्णय लेने के पहले आम आदमी के विषय में सोचना चाहिए था। आज गांवों से शहरों तक हर जगह लोग पेटीएम का उपयोग कर रहे हैं, उनका क्या होगा? रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया समय पर अपने कर्तव्यों को निभाने में नाकाम रहता है, जिसका परिणाम आम लोगों को भुगतना पड़ता है। -राजकुमार निंबालकर, परेल
एकतरफा कदम
आरबीआई द्वारा पेटीएम के खिलाफ उठाया गया कदम निंदनीय और पक्षपाती है। पेटीएम से कहीं अधिक अनियमितता वाले यस बैंक को आरबीआई अपने अधीन कर लेती है और पेटीएम को कठोर निर्णय से बर्बाद। बैंक के ग्राहकों के बारे में भी विचार नहीं करती कि वे अपने खाते को सेटल कर सकें। यस बैंक में सिस्टम की सुरक्षा के लिए उन्होंने १५ दिनों में सुचारु परिवर्तन सुनिश्चित किया। लेकिन अब वे सभी ग्राहकों, विक्रेताओं और भागीदारों में अनावश्यक रूप से अविश्वास पैदा कर व्यवसाय को भारी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, जो कि एकतरफा और कठोर कार्रवाई है। -विनय सिंह, शिक्षक, कुर्ला
करोड़ों ग्राहक को मुसीबत
पेटीएम (वन ९७ पेटीएम) शेयर बाजार की लिस्टेड कंपनी होने के साथ ही कुछ साल पहले से शेयर बाजार का डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट भी ओपन करना शुरू कर दिया है। लाखों लोगों का पैसा पेटीएम में निवेश किया गया है। मुंबई मेट्रो ट्रेन में तो ५० फीसदी से ज्यादा लोग टिकट निकालने के लिए पेटीएम का उपयोग करते हैं। पेटीएम ऐप पर रोक लगने जा रहा है। इससे देश के करोड़ों ग्राहकों को मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। साथ ही मार्केट में ऑनलाइन पेमेंट कंपनियों की विश्वसनीयता पर निश्चित भी प्रश्नचिन्ह लगेगा। -मिथिलेश मिश्र, स्टॉक मार्वेâट विशेषज्ञ,

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