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केंद्र सरकार ने पार की क्रूरता की हद … बेरोजगारों को दिया बिजली का झटका!

‘संसद कांड’ के आरोपियों ने कोर्ट में की शिकायत
७० पन्नों के कोरे कागजों पर जबरन कराए हस्ताक्षर
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
संसद की सुरक्षा को भेदकर प्रदर्शन करनेवाले बेराजगारों के साथ मोदी सरकार काफी क्रूरता से पेश आ रही है। उन्हें जेल में बिजली के झटके दिए जा रहे हैं। गिरफ्तार छह में से पांच आरोपियों ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दाखिल कर बताया है कि उन्हें शॉक देकर टॉर्चर किया जा रहा है और ७० कोरे पन्नों पर जबरन उनसे हस्ताक्षर करवाए गए हैं।
इस याचिका में आरोपियों ने कहा है कि ‘उनसे यूएपीए के तहत अपराध करने और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से संबंध होने जैसे कबूलनामों पर भी हस्ताक्षर करवाए गए हैं।’ आरोपियों ने कहा है कि इनमें से दो लोगों से जबरन एक कागज पर ये लिखवाया गया है कि उनका एक राजनीतिक पार्टी / विपक्षी पार्टी के नेता से संबंध है।’ ये अर्जी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, ललित झा, अमोल शिंदे और महेश कुमावत की ओर से दाखिल की गई है। इन पांच आरोपियों की ओर से अदालत में दलील देने वाले वकील अमित शुक्ला ने कहा, ‘हमने उचित कार्रवाई की मांग की है। हम ये तथ्य अदालत के संज्ञान में लाना चाहते थे, क्योंकि चार्जशीट दाखिल करते समय पुलिस इन तथ्यों के साथ कुछ न कुछ करेगी।’

वकील अमित शुक्ला ने कहा, ‘अभियोजन पक्ष ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। वे इसे अगली तारीख तक जमा करेंगे, जो कि १७ फरवरी है। लेकिन मुझे यकीन है कि वे इन आरोपों को खारिज करेंगे। मगर वो इसे न भी माने तो भी जांच तो होनी चाहिए कि क्या इस तरह की घटनाएं हुई हैं या नहीं?’ आरोपियों ने ये भी कहा है कि उन्हें अपने मौजूदा और पुराने सिम नंबरों को जारी करवाने के लिए एयरटेल, वोडाफोन और बीएसएनएल के दफ्तरों में भी ले जाया गया। इसकी वजह ‘अभियोजन पक्ष को अच्छे से पता होगी।’ वकील ने कहा कि पांचों आरोपियों को ये डर है कि इनके नंबरों के साथ छेड़छाड़ कर के ये दावा किया जा सकता है कि इनके संबंध गलत लोगों या फिर किसी राजनीति दल से थे। आरोपियों ने ये भी कहा है कि उनसे जबरन ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड लिए गए हैं। वकील अमित शुक्ला ने कहा, ‘दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशानुसार ये गैर-कानूनी है।’ दिल्ली पुलिस की ओर से अदालत में पेश होने वाले विशेष सरकारी अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने कहा, ‘हम अपना उचित जवाब दाखिल करेंगे।’ हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि पहले ही अदालत के संज्ञान में ये मामला लाया जा चुका था लेकिन जब जज ने आरोपियों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने इनकार कर दिया। बता दें कि इस सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने सभी छह आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की थी। अदालत ने ये हिरासत एक मार्च तक के लिए बढ़ा दी।

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