मुख्यपृष्ठग्लैमर‘भावनाओं पर नियंत्रण रखना जरूरी है!’-अदनान खान

‘भावनाओं पर नियंत्रण रखना जरूरी है!’-अदनान खान

शो ‘कथा अनकही’ में वियान रघुवंशी का किरदार निभाकर प्रसिद्धि बटोरनेवाले अदनान खान जल्द ही भारतीय इतिहास को बदलनेवाले सम्राट अशोक पर आधारित शो ‘प्रचंड अशोक’ में चक्रवर्ती सम्राट अशोक की भूमिका निभाते नजर आएंगे। छोटे पर्दे पर दिन दूनी रात चौगुनी लोकप्रियता हासिल करनेवाले अदनान का ये शो जल्द ही कलर्स पर प्रसारित होनेवाला है। पेश है, अदनान खान से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

शो ‘प्रचंड अशोक’ स्वीकारने की क्या वजह रही?
सम्राट अशोक एक ऐसे राजा थे, जिनका किरदार सिर्फ मुझे ही नहीं, बल्कि किसी को भी आकर्षित करेगा। उनके जीवन में ऐसे कई मोड़ आए जिन पर सुख और दुख की गहरी छाया रही। अशोक ने जिंदगी के दोनों मोड़ देखे। एक जंग तो दूसरा शानो-शौकत का। सम्राट अशोक का किरदार निभाना बेहद चुनौतीपूर्ण है।

यह शो आपको कैसे मिला?
मेरे लिए सम्राट अशोक का किरदार निभाना किसी सपने के पूरे होने से कम नहीं है। लेकिन मैं यह नहीं जानता था कि ‘बालाजी प्रोडक्शन’ सम्राट अशोक पर शो बना रहा है। मैं जब ‘कथा अनकही’ की शूटिंग कर रहा था उस समय मुझे बालाजी से फोन आया और उन्होंने मुझे मिलने के लिए बुलाया। मैं जब उनसे मिलने पहुंचा तो उन्होंने मुझे अशोक के किरदार के बारे में बताया। मुझे बेतहाशा ख़ुशी हुई लेकिन मैंने उनके सामने सच्चाई रखते हुए कहा कि मेरा जन्म और परवरिश दुबई में हुई है। मैंने आज तक कोई भी ऐतिहासिक किरदार नहीं किया है। मैं हिंदी बोल लेता हूं लेकिन मेरी हिंदी उतनी अच्छी नहीं है। मेरी सच्चाई जानने के बावजूद मुझ पर विश्वास करते हुए उन्होंने ‘सम्राट अशोक’ के किरदार के लिए साइन कर लिया।

सम्राट अशोक के बारे में आप कितना जानते हैं?
सम्राट अशोक का किरदार मिलते ही मैंने उनकी जिंदगी और उनसे जुड़े सभी तथ्यों को जानने की कोशिश इंटरनेट से की। मेरे मन में उनको लेकर कई सवाल थे, जिनका जवाब मैंने इंटरनेट पर ढूंढना चाहा। मैं शहंशाह अशोक की रूह को जानना और समझना चाहता था और यह खोज जारी है।

सम्राट अशोक और अन्य राजाओं में आपको क्या मुख्य फर्क महसूस हुआ?
महाराजा अशोक को पूरी तरह से समझना इतना आसान नहीं है। मुझे महसूस हुआ कि अशोक ने जो युद्ध का मार्ग अपनाया वो सत्ता को पाने के लिए किया। इमोशनल होना उन्हें कभी नहीं भाया। इमोशनल होने को वे मानसिक दुर्बलता समझते थे। उनमें और अन्य राजाओं में यह बहुत बड़ा फर्क था। उसूलों पर चलनेवाले सम्राट अशोक के दौर में भारत वर्ष ने गौरवशाली युग देखा। मेरे दिलो-दिमाग में कई सवाल हैं, जिनके जवाब मुझे सम्राट अशोक के चरित्र तक ले जाते हैं।

सम्राट अशोक और खुद में आप कितनी समानता पाते हैं?
सम्राट अशोक की तरह मुझे भी लगता है कि भावनात्मक रूप से कमजोर होना इंसान की प्रगति और विकास में बाधक है। अगर इंसान जज्बाती न हो तो वो दिमागी तौर पर आगे बढ़ सकता है। अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना जरूरी है, बाकी इतने बड़े महान शक्तिशाली सम्राट के साथ मेरी तुलना नहीं हो सकती। सम्राट अशोक शारीरिक रूप से बहुत पराक्रमी, साहसी और तेज-तर्रार थे। मुझे भी फिटनेस में महारत हासिल है।

आनन-फानन में आपके शो ‘कथा अनकही’ को बंद करवाने की क्या वजह रही?
हर खूबसूरत चीज का अंत होता ही है। ‘कथा अनकही’ की कहानी खत्म हो गई थी इसलिए उसे बेवजह बढ़ाने का कोई मतलब नहीं था। यह शो कामयाब रहा।

दुबई में रहकर यहां शो में परफॉर्म करना और टॉप पर जाना वैâसे मुमकिन हुआ?
मैं दुबई में रहता था और मेरा जन्म, परवरिश, पढ़ाई-लिखाई सब दुबई में हुई। मुझे अभिनय में जाना था लेकिन ये उतना आसान नहीं था। मेरे डैड ने मेरे इस फायर को कभी बुझने नहीं दिया। वो मुझे प्रेरणा देते हुए मुझसे कहते मुंबई जाकर अपना भाग्य आजमाना। अगर बात नहीं बनी तो कोई हर्ज नहीं दुबई वापस चले आना। आज मैं जो भी कुछ हूं अपने पिता की वजह से हूं।

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