मुख्यपृष्ठनए समाचारसिटीजन रिपोर्टर : रेल यात्रियों के लिए सिरदर्द बना वांगणी स्टेशन

सिटीजन रिपोर्टर : रेल यात्रियों के लिए सिरदर्द बना वांगणी स्टेशन

वांगणी
वांगणी रेलवे स्टेशन वैसे तो एक जाना-माना रेलवे स्टेशन है, लेकिन स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाएं ‘ऊंट के मुंह में जीरे’ के समान हैं। वांगणी रेलवे स्टेशन रेल यात्रियों से अधिक रेल कर्मचारियों के लिए सिरदर्द बन गया है। ‘दोपहर का सामना’ के सिटीजन रिपोर्टर नातिक बुबेरे ने वांगणी रेलवे स्टेशन के दर्द को बयां किया है।
नातिक बुबेरे कहते हैं कि वांगणी रेलवे स्टेशन की दशा ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ वाली हो गई है। रेलवे ने वांगणी (पश्चिम) की बजाय वांगणी (पूर्व) की दिशा में लिफ्ट लगाई है, जबकि अधिकांश दिव्यांग पश्चिम से यात्रा करने के लिए स्टेशन पर आते हैं। पूर्व की तरफ लिफ्ट लगने से शारीरिक रूप से सामान्य रेल यात्री लिफ्ट का उपयोग कर यात्रा करने के लिए स्टेशन पर आते हैं। इतना ही नहीं, वांगणी रेलवे स्टेशन से बाहर निकलने के लिए स्वचालित सीढ़ी और लिफ्ट की आवश्यकता है। वांगणी पश्चिम में लिफ्ट बन तो रही है, पर कब तक बनकर तैयार होगी यह कहना कठिन है। रेलवे प्रशासन की अनदेखी के साथ ही चुने हुए प्रतिनिधियों की अज्ञानता के चलते स्टेशन काफी पिछड़ा नजर आता है। वांगणी स्टेशन पर महिलाओं को कपड़ा बदलने और छोटे बच्चों को दुग्धपान कराने के लिए उचित स्थान की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे महिलाओं को काफी परेशानी होती है। छाया के लिए वांगणी के प्लेटफॉर्म पर शेड तक नहीं लगाया गया है, जिसके चलते यात्री धूप और बरसात में सुरक्षित स्थान ढूंढ़कर खड़े होते हैं और प्लेटफॉर्म पर ट्रेन आने के बाद भाग-दौड़ करते हैं। वांगणी में यात्रियों के लिए पैदल उड़ान पुल बनाया गया है। एक मुंबई की ओर व दूसरा कर्जत के छोर पर बनाया गया है। वांगणी रेलवे स्टेशन को पानी की आपूर्ति करनेवाले टैंक के टूटे होने से काफी मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है। स्टेशन के बाहर वाहन पार्विंâग के लिए पर्याप्त जगह न होने से वाहन चालक परेशान हैं। स्टेशन पर तैनात प्वॉइंट मैन को बार-बार रेलवे लाइन को पारकर एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर आना-जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में प्वॉइंट मैन के लिए सुरक्षित केबिन बनाई जाए। केबिन न होने के कारण प्वॉइंट मैन धूप, ठंड और बरसात से बचने के लिए बार-बार प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित जगहों पर आते-जाते रहते हैं। वांगणी रेलवे स्टेशन पर मुंबई की ओर एक लेबल क्रॉसिंग गेट बनाया गया है। उसको बंद करने के लिए तकरीबन छह वर्षों से योजना बन रही है। राज्य सरकार के सहयोग से रेलवे क्रॉसिंग को बंद करने में आज तक रेलवे को सफलता नहीं मिली है। इस रेलवे क्रॉसिंग के कारण कई बार दुर्घटनाओं के साथ ही अन्य गाड़ियों के आवागमन में दिक्कत होती है। इन क्रॉसिंग के चलते उपनगरीय गाड़ियां अक्सर देरी से चलती हैं। उपनगरीय गाड़ियों के देरी से चलने के कारण यात्रा करनेवाले यात्रियों के मन में रेल प्रशासन के खिलाफ आक्रोश उमड़ रहा है।

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