मुख्यपृष्ठनए समाचारसंपादकीय : सोरेन की गिरफ्तारी पर लानत है!

संपादकीय : सोरेन की गिरफ्तारी पर लानत है!

भारतीय जनता पार्टी के ‘ईडी’ विभाग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया। किसी राज्य के मुख्यमंत्री को इस तरह गिरफ्तार करना ठीक नहीं है। इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। सोरेन को गिरफ्तार करने के लिए रांची इलाके में सात हजार सशस्त्र जवानों को तैनात किया गया था। अगर चीन की सीमा पर इतनी तैयारी की होती तो चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में घुसकर हजारों वर्ग मील जमीन पर कब्जा नहीं करती, लेकिन ईडी ने छह-सात एकड़ जमीन के पुराने मामले को खंगाल कर हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। देश में भाजपा और उसके आकाओं का आतंक अब चरम स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को भाजपा के ‘ईडी’ विभाग ने सातवां समन भेजा है और ऐसा लग रहा है कि केजरीवाल को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। पिछले कुछ महीनों में बिहार के केंद्रीय मंत्री नीतिश कुमार के करीबियों और उनके आर्थिक मामलों को संभालने वालों पर ईडी ने छापेमारी की और देखते ही देखते नीतिश कुमार ने चौथी बार भाजपा से शादी कर ली और ससुराल चले गए। हेमंत सोरेन ने भाजपा के सामने झुकने से इनकार कर दिया और इसकी कीमत चुकाई। देश की नजर में हेमंत सोरेन ‘हीरो’ बन गए हैं। झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन के पास पूर्ण बहुमत था। लोग उनका समर्थन करते हैं, लेकिन इस डर से कि हेमंत सोरेन उन्हें लोकसभा में झारखंड में एक भी सीट नहीं मिलने देंगे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, मोदी सरकार इन कार्यों के लिए कथित घोटालों का मुखौटा विपक्ष के सामने रख रही है, लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर इस सरकार का असली चेहरा अब सामने आ गया है। खुलासा हुआ है कि मोदी काल में भारत में भ्रष्टाचार बढ़ा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने दुनिया के १८० देशों की भ्रष्टाचार रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भ्रष्टाचार के क्रम में भारत ९३वें स्थान पर है। २०२२ में भारत ८५वें स्थान पर था। इसका सीधा मतलब यह है कि मोदी काल में भारत में भ्रष्टाचार खूब फला-फूला है और मोदी सिर्फ भ्रष्टाचार पर खोखले भाषण देते फिर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और उनके साथियों को भ्रष्टाचार से कोई शिकायत नहीं है। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार के सबसे दागदारों को भाजपा में लाकर उनका सम्मान कर रहे हैं। महाराष्ट्र के अजीत पवार, हसन मुश्रीफ, प्रफुल्ल पटेल, यशवंत जाधव, भावना गवली, खुद मुख्यमंत्री शिंदे, इनके भ्रष्टाचार के मामले में उल्लेखनीय कार्य और वीरता को देखते ऐसा लग रहा था कि गणतंत्र दिवस के दिन इन सभी को विशेष नागरिक पुरस्कार व शौर्य पुरस्कार देकर सम्मान किया जाएगा, लेकिन उसके बदले भाजपा के ‘ईडी’ विभाग ने झारखंड के मुख्यमंत्री को जेल भेज दिया और महाराष्ट्र में अजीत पवार को भ्रष्टाचार के मामले में ‘क्लीन चिट’ देकर एक इतिहास रच दिया। परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली जैसे आरोप वापस ले लिए। इससे पता चला कि राज्य और देश वैâसे चल रहे हैं और मोदी के मन में वास्तव में क्या है। अयोध्या में जमीन सौदे में बड़ा घोटाला भाजपा समर्थकों ने किया है, लेकिन सात एकड़ जमीन सौदे में ‘ईडी’ ने मुख्यमंत्री सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है। चीन ने भारत की जमीन निगल ली है। भाजपा को इसे जब्त करने के लिए ईडी की टीमें सीमा पर भेजनी चाहिए थीं, लेकिन इसके बजाय ‘ईडी’ वाले दो गज जमीन जब्त करने में लगी है। फिर केवल हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी तक ही केंद्रीय शासन की यह बदले की भावना मर्यादित नहीं रही। गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन ने चंपई सोरेन को उनका उत्तराधिकारी नामित किया। लोकतांत्रिक मानदंडों और परंपराओं के अनुसार, राज्यपाल को उन्हें सरकार बनाने के लिए तुरंत औपचारिक निमंत्रण देना चाहिए था। उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक निश्चित अवधि के भीतर बहुमत साबित करने के लिए कहा जाना चाहिए था। लेकिन राज्यपाल ने चंपई सोरेन को दो दिनों तक अटकाए रखा। जाहिर है कि इसके पीछे केंद्रीय सत्ताधारी दल की झारखंड में भी सत्ताधारी गठबंधन को तोड़कर ‘खोखे’ शाही आजमाने की रणनीति थी। लेकिन वह सफल नहीं हुआ होगा। इसीलिए राज्यपाल ने हारकर शुक्रवार को चंपई सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाकर बहुमत साबित करने को कहा। चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में भाजपा पीठासीन अधिकारी से हाथ मिलाकर सत्ता में आई, जबकि झारखंड में जाहिर है राज्यपाल के जरिए सत्ता के लिए हॉर्स ट्रेडिंग करने की कोशिश की गई। भाजपा ‘ईडी’ का इस्तेमाल कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। विरोधियों को परेशान कर रही है। इन जांच एजेंसियों के नेताओं को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। आज भी भाजपा के लोग आपातकाल की यादों से दुखी हैं। उनका कहना है कि वह कालखंड कालकूट था। फिर आज का मोदी युग तो आपातकाल से भी भयावह है। आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण, चरण सिंह आदि नेताओं ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की थी, ‘सरकार के गलत आदेशों का पालन न करें, यही राष्ट्र सेवा है।’ आज भी हम यही आह्वान कर रहे हैं। अधिकारियों द्वारा गलत आदेशों का पालन करना देशद्रोह होगा। मोदी-शाह आएंगे-जाएंगे। कई विश्व विजेता आए और गए, फिर भाजपा वाले क्या हैं? देश को बचाकर रखना चाहिए। भारत माता को अमरत्व प्राप्त है, मोदी-शाह को नहीं। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की जितनी निंदा की जाए, उतना कम ही है। देश को लूटने वाले बाहर हैं और सोरेन अंदर। मोदी युग में इससे अलग और क्या होगा?

अन्य समाचार