मुख्यपृष्ठग्लैमर‘बेहद काबिले तारीफ हैं वो!’ -हृत्विक रोशन

‘बेहद काबिले तारीफ हैं वो!’ -हृत्विक रोशन

फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ से फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत करनेवाले हृत्विक रोशन के करियर को २३ वर्ष हो चुके हैं। सिद्धार्थ आनंद निर्देशित फिल्म ‘फाइटर’ में दीपिका पादुकोण के साथ नजर आनेवाले हृत्विक रोशन ने शीर्षक भूमिका निभाते हुए फिल्म में जबरदस्त परफॉर्मेंस दी है। पेश है, हृत्विक रोशन से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

फाइटर के किरदार से आप कितना रिलेट करते हैं?
वैसे तो आम हो या खास हर इंसान फाइटर ही होता है। बड़े होने के बाद बच्चा जीवन के फैसले खुद लेता है और खुद को प्रूव करने के लिए अपनी लड़ाई उसे खुद लड़नी पड़ती है। पिता राकेश रोशन ने मुझे फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ से लॉन्च किया और मुझे अपनी काबिलियत साबित करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी। डेब्यू फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ के बाद मेरी जर्नी आसान नहीं रही। फिल्में असफल होने के बाद मैं जितना आगे बढ़ा उतना ही पीछे आया हूं। मेरी जिंदगी फाइटर की रही है।

डॉक्टरों के मना करने के बावजूद एक्शन सीन और डांस करने की क्या वजह रही?
मेरा एक खतरनाक एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें मुझे काफी अंदरूनी चोटें भी आई थीं, इसके बाद डॉक्टरों ने मुझे एक्शन और डांस से दूर रहने को कहा। फिल्म ‘फाइटर’ की स्क्रिप्ट मेरे पास तकरीबन ७ साल पहले आई। मेरा किरदार पैटी उर्फ शमशेर सिंह एक पायलट का है, जो देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने को हरदम तैयार रहता है। निर्देशक की कल्पनानुसार किरदार को पेश करना था। फिल्म रियलिटी से जुड़ी होने के कारण आसान नहीं थी। अपने किरदार को न्याय देने के लिए मैंने एक्शन सीन के साथ ही फिल्म में डांस किया।

दीपिका पादुकोण के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
पिछले १० वर्षों में दीपिका ने सिवा सक्सेस के कुछ और नहीं पाया। मॉडलिंग से एक्टिंग में अपने पैर जमाने वाली दीपिका ने अपने अब तक के करियर में हर तरह के किरदार निभाए हैं। उन्होंने फिल्म में अपना किरदार बखूबी निभाया है। उनके साथ काम करना बहुत निश्चिंतता भरा रहा। बेहद काबिले तारीफ हैं वो।

आपकी निगाह में कोई और भी रियल लाइफ किरदार है जो जिंदगी से लड़ता रहा हो?
मैं अपने ओपिनियन को सच्चे दिल से सामने रखता हूं। मैंने अपने पिता और दादाजी को जिंदगी की हर जंग लड़ते हुए देखा है। मेरे परिवार के यह सभी करीबी लोग हैं जिन्होंने जिंदगी से हमेशा जंग लड़ते हुए उससे जीत हासिल कर आगे बढ़े हैं। क्या यह फाइटर्स नहीं? मुझे गर्व है अपने परिवार के इन सभी प्रियजनों पर जिन्होंने जंग की नई मिसाल कायम की है।

आपके लिए देशभक्ति के मायने क्या हैं?
मेरी राय में हर भारतीय देशभक्त है। क्या हमें अपने हाथों पर यह लिखना होगा कि हम देशभक्त हैं? हम भारतीय पूरी तरह से देशभक्त हैं इसलिए हमें आजादी मिली। देशभक्ति से मतलब है साहस, पराक्रम और वीरता।

संगीत से आपको कितना लगाव है?
मुझे ही नहीं मेरे दोनों बच्चों को भी संगीत से बहुत लगाव है। अगर मैं अभिनेता न होता तो शायद सिंगर या संगीतकार होता या हो सकता है संगीत से जुड़ा कोई काम कर लेता। फिल्म फाइटर के निर्देशक भी संगीत के शौकीन हैं और शूटिंग के दौरान हम घंटों संगीत पर डिस्कस करते थे।

आप खुद को एक्टर मानते हैं या स्टार?
मैं खुद को एक सामान्य एक्टर मानता हूं। मुझे स्टारडम में दिलचस्पी नहीं। मैं परफॉर्मर हूं और खुद को परफॉर्मर के रूप में ही देखना चाहूंगा।

आपके जीवन में क्या मुश्किलें आईं?
जिंदगी हर कदम एक नई जंग है, मैं इसे देखता, समझता और अनुभव करता आया हूं। पापा से पहले दादा का संघर्ष, फिर पापा का स्ट्रगल, मेरे करियर में उतार-चढ़ाव, पापा पर हमला, मेरा एक्सीडेंट आदि सिलसिला एक मुश्किल नहीं, बल्कि लगातार मुश्किलों का दौर रहा। हां, इस बात में कोई दो राय नहीं कि हर व्यक्ति के जीवन में संघर्ष होता है। सोना वही है जो आग में तपकर चमक उठे। लेकिन मैं बड़ा खुशनसीब हूं जो असफलताओं के बाद भी मुझे मौके मिलते रहे और मैं टिका रहा, डटा रहा।

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