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दो दिनों से ठोंकने की सोच रहा था … मौका मिला तो ठोंक डाला! …भाजपा विधायक ने पुलिस स्टेशन में ही दो लोगों को गोलियों से कर दिया छलनी

आवाक रह गई देश की सबसे तेज-तर्रार पुलिस
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में ‘ईडी’ सरकार के आने के बाद कानून-व्यवस्था की हालत रसातल में जा चुकी है। इसका ताजा उदाहरण है उल्हासनगर सत्ताधारी भाजपा विधायक द्वारा किया गया गोली कांड। असल में यह सब कुछ अचानक नहीं बल्कि बाकायदा प्लानिंग के साथ हुआ है। स्थानीय लोगों और पुलिस सूत्रों ने जो कहानी बताई है, उससे इस घटना की यही तस्वीर सामने आई है कि दो गुटों में झड़प के बाद आरोपी विधायक पिछले दो दिनों से सामनेवाले पक्ष को ठोंकने की सोच रहा था। इसके बाद जैसे ही उसे मौका मिला उसने उसे ठोंक डाला।
गौरतलब है कि उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन में गोलीबारी की घटना पूरे देश में सुर्खियों में छा गई है। सत्ताधारी भाजपा विधायक गणपत गायकवाड ने पुलिस स्टेशन में घुसकर दो लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया। इससे देश की सबसे तेज-तर्रार मानेजानी वाली मुंबई पुलिस भी अवाक रह गई। इस घटना के बाद उल्हासनगर में तनाव छाया हुआ है।
लोग इस बारे में तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। बताया जाता है कि दो दिन पहले कल्याण में हुए एक कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में भाजपा विधायक गणपत गायकवाड जा रहे थे तो उन्हें कुछ लोगों ने रोक दिया था। इससे वह काफी गुस्से में थे। उस दौरान गणपत गायकवाड के समर्थकों ओर स्थानीय नागरिकों के बीच झड़प भी हो गई थी, लेकिन तब पुलिस ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करा दिया था। सूत्रों की मानें तो घटना के कुछ समय बाद गणपत गायकवाड को जानकारी मिली कि यह सारा हंगामा शिंदे गुट के महेश गायकवाड द्वारा कराया गया है। उसी समय गणपत गायकवाड ने महेश गायकवाड को मारने की सोच ली थी। इस बीच शुक्रवार को गणपत गायकवाड का बेटा पुलिस स्टेशन में किसी मामले की शिकायत करने गया था। जब वो वहां से वापस निकल रहा था, तभी वहां महेश गायकवाड ओर राहुल पाटील के साथ उसकी झड़प हो गई। इसके बाद दोनों पक्ष काफी उत्तेजित हो गए और क्षेत्र में तनाव पसर गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि किसी बड़ी घटना की आशंका को भांपकर हिल लाइन पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ने दोनों पक्षों में सुलह कराने के लिए उन्हें शुक्रवार रात थाने में बुलाया था। जब दोनों वहां पुलिस निरीक्षक के कक्ष में बैठे थे और उनके बीच बातचीत हो रही थी, तभी माहौल गरमा गया और आपत्तिजनक भाषा के साथ बात गाली-गलौज तक पहुंच गई। इस दौरान वहां पर विधायक गणपत गायकवाड और महेश गायकवाड के साथ राहुल पाटील एक अन्य व्यक्ति उपस्थित था। इस दौरान गणपत गायकवाड के चेहरे पर काफी गुस्सा दिखाई भी दे रहा था। अचानक गणपत अपना आपा खो बैठा और उसने महेश गायकवाड और राहुल  पाटील पर गोली चलानी शुरू कर दी, जिसमें महेश गायकवाड को छह गोली ओर राहुल पाटील को दो गोलियां लगीं जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस के सामने चलती रही लड़ाई 
इस बीच घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि गोली चलाने के बाद गणपत रिवाल्वर से सामनेवाले के सिर पर प्रहार कर रहा है। आवाज सुनते ही पुलिसकर्मी भीतर पहुंचे और उन्हें दोनों को अलग करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। हैरानी की बात है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक का चेहरा नजर नहीं आया।

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