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महाराष्ट्र में का बा?… पुलिस थाने में ठांय-ठांय बा! …यूपी-बिहार से भी बदतर हो गए राज्य के हालात

भाजपा राज में कानून-व्यवस्था तहस-नहस
सामना संवाददाता / मुंबई
यूपी के विधानसभा चुनाव के वक्त एक गाना खासा लोकप्रिय हुआ था। लोकगायिका नेहा राठौड़ ने उस गाने में यूपी के सीएम से पूछा था कि यूपी में का बा, ऐ बाबा यूपी में का बा? उसके बाद नेहा ने जवाब में यूपी की कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी थीं। उल्हासनगर गोलीकांड के बाद अब नेहा के गाए गाने की तर्ज पर लोग पूछ रहे हैं कि का बा, महाराष्ट्र में का बा? इसके जवाब में कहा जा रहा है कि इहां पुलिस थाने में ठांय-ठांय बा!
दरअसल, उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस थाने में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के कक्ष में हुई गोलीबारी की घटना ने पूरे महाराष्ट्र को शर्मसार कर दिया है। इस घटना ने बता दिया है कि भाजपा राज में कानून-व्यवस्था तार-तार हो चुकी है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उनका मनोबल इतना बढ़ चुका है कि उन्हें पुलिस का भी डर नहीं रह गया है। वे पुलिस के सामने गोलीबारी करने लगते हैं। इतना ही नहीं, पकड़े जाने के बाद पुलिस हिरासत में बड़ी शान के साथ बताते हैं कि उन्होंने कितनी गोलियां मारीं। हैं। मायानगरी मुंबई पर पूरी दुनिया की निगाहें रहती हैं। देश के प्रमुख उद्योग-धंधों का यह केंद्र है। ऐसे में अपराधियों के बुलंद हौसले मुंबई की छवि को दागदार करने के लिए काफी हैं। कुछ दिन पहले पवई से एक सीए का दिन-दहाड़े अपहरण कर फिरौती की मांग की गई थी। इस घटना के महज एक सप्ताह बाद शुक्रवार रात को उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन में भाजपा विधायक गणपत गायकवाड द्वारा शिंदे गुट के शहरप्रमुख महेश गायकवाड और उसके दोस्त राहुल पाटील को गोली मारकर छलनी कर दिया गया। सबसे बड़ी बात यह थी कि यह सब पुलिस स्टेशन के अंदर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के कक्ष में हुआ। पुलिस ने तो घायलों को उपचार के लिए भर्ती कराते हुए गणपत गायकवाड को गिरफ्तार कर लिया। इतनी बड़ी घटना के बाद अब राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे हैं।
मर्डर में तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र
एनसीआरबी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, २०२२ में महाराष्ट्र हत्या के मामलों में उत्तर प्रदेश और बिहार के बाद २,२९५ मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा, जबकि बलात्कार के मामलों में राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाद चौथे स्थान पर था। २०२२ की आपराधिक घटनाओं पर एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में साल २०२२ में कुल ३,७४,०३८ आपराधिक मामले (आईपीसी धाराओं के तहत) दर्ज किए गए। २०२१ में यह आंकड़ा ३,६७,२१८, जबकि २०२० में ३,९४,०१७ मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, २०२२ में महाराष्ट्र में आईपीसी की धारा ३५४ के तहत महिलाओं पर हमले के ५,२०९ मामले दर्ज किए गए। आईपीसी की धारा ३५४ (ए) के तहत यौन उत्पीड़न की २,९४६ घटनाएं दर्ज की गर्इं।

 

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