मुख्यपृष्ठसमाचारपेंशन बढ़ने से बढ़ी परेशानी... एसबीआई ३५ प्रतिशत घाटे में!

पेंशन बढ़ने से बढ़ी परेशानी… एसबीआई ३५ प्रतिशत घाटे में!

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के नेट प्रॉफिट में भारी गिरावट दर्ज की गई है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ये ३५ प्रतिशत गिरकर ९,१६४ करोड़ रुपए पर आ गया है। अब बैंक ने अपने प्रॉफिट में कमी आने का सच बता दिया है। भारतीय स्टेट बैंक चेयरमैन दिनेश कुमार खारा का कहना है कि बैंक को दिसंबर तिमाही में एक जरूरी काम के लिए ७,१०० करोड़ रुपए अलग से रखने पड़े। अगर ऐसा नहीं होता तो बैंक का प्रॉफिट १६,२६४ करोड़ रुपए होता।
भारतीय स्टेट बैंक का कहना है कि उसका सैलरी और पेंशन पर होने वाला खर्च लगातार बढ़ रहा है। इस साल मार्च तक सैलरी में बढ़ोत्तरी के लिए किए जाने वाले खर्च का प्रावधान बढ़कर २६,००० करोड़ रुपए हो जाएगा। ऐसे में बैंक को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सैलरी और पेंशन के लिए एकमुश्त ७,१०० करोड़ रुपए का भारी-भरकम प्रावधान करना पड़ा है। इस वजह से उसका मुनाफा ३५ प्रतिशत घटकर ९,१६४ करोड़ रुपए रह गया। अगर ऐसा नहीं होता तो बैंक का नेट प्रॉफिट १६,२६४ करोड़ रुपए होता।
हाल में एसबीआई ने अपने एम्प्लॉइज की अलग-अलग ट्रेड यूनियन के साथ ऊंची सैलरी और पेंशन देने की डील की थी। बैंक को अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी १७ प्रतिशत तक बढ़ानी है। इस एक्स्ट्रा बोझ को ध्यान में रखते हुए ही बैंक ने सैलरी के लिए ज्यादा राशि का प्रावधान किया है। नया और बढ़ा हुआ वेतन नवंबर २०२२ से दिया जा रहा है।
दिनेश कुमार खारा का कहना है कि ७,१०० करोड़ रुपए में से ५,४०० करोड़ रुपए पेंशन के लिए हैं, क्योंकि बैंक की पेंशनर्स की वैâलकुलेशन में कुछ दिक्कत थी। वर्ष २०२२ से बैंक के कुछ एम्प्लॉइज को उनके अंतिम वेतन का ४० प्रतिशत तो कुछ को ५० प्रतिशत पेंशन मिल रही थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। अब कानूनी तौर पर मामला स्पष्ट हो चुका है इसलिए ५,४०० करोड़ रुपए के आवंटन के साथ इसको एक ही बार में निपटाने का पैâसला किया गया है।

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