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रामभरोसे ‘घाती’ सरकार का स्वास्थ्य विभाग महाराष्ट्र में टीबी ने बढ़ाया तनाव!

सामना संवाददाता / मुंबई

स्वास्थ्य विभाग करेगा राज्यव्यापी अध्ययन
१८ साल से अधिक आयु की १.७६ करोड़ आबादी पर होगा फोकस

महाराष्ट्र में टीबी की रोकथाम के लिए `घाती’ सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए जा रहे तमाम प्रयास बेकार साबित हो रहे हैं। इसके कारण यह बीमारी अब महाराष्ट्र को टेंशन दे रही है। हालांकि, राज्य को २०२५ तक टीबी को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक बार फिर से प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके तहत आने वाले दिनों में कई उपायों को करने के साथ ही बीमारी को लेकर राज्यव्यापी अध्ययन भी किया जाएगा। इस अध्ययन में प्रदेश में १८ साल से अधिक आयु के १.७६ करोड़ की आबादी को लक्षित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि चार दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आने वाले स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की ३७वीं बोर्ड बैठक हुई। इस दौरान हिंदुस्थान में साल २०२५ तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में बताया गया कि हिंदुस्थान के २०२५ के लक्ष्य के लिए दो साल से भी कम समय बचा है। ऐसे में हमारा दृष्टिकोण आगे बढ़ते हुए रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करना है। अब तक किए गए प्रयासों के कारण देश में टीबी मामलों की संख्या २०१५ में एक मिलियन से घटकर २०२३ में ०.२६ मिलियन हो गई है। इसके अलावा प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत १,५०,००० से अधिक नि-क्षय मित्र एक मिलियन से अधिक टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण प्रदान करने के लिए `संपूर्ण समाज के दृष्टिकोण’ के साथ आगे आए हैं।

प्रशिक्षण ले रहे स्वास्थ्य अधिकारी

राज्य परिवार कल्याण विभाग के सहायक निदेशक और नियमित टीकाकरण के प्रभारी डॉ. प्रवीण वेदपाठक के मुताबिक, अध्ययन पूरे राज्य में अप्रैल २०२४ में शुरू होगा। वर्तमान में स्वास्थ्य अधिकारी अध्ययन के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस अध्ययन में उन्हीं प्रतिभागियों को शामिल किया जाएगा, जो स्वेच्छा से भाग लेने के लिए सहमत होंगे। अध्ययन में नामांकन के इच्छुक प्रतिभागियों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा, जबकि वास्तविक टीकाकरण बाद में शुरू होगा। इसके अलावा अध्ययन के परिणामों का मूल्यांकन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के आधार पर किया जाएगा।

कार्यक्रम के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करेगा केंद्रीय टीबी प्रभाग

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का केंद्रीय टीबी प्रभाग राज्य द्वारा प्रदान की गई अनुमानित लक्ष्य आबादी के आधार पर कार्यक्रम के लिए टीके, सीरिंज और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करेगा। इस बीच राज्य स्वास्थ्य विभाग ने महाराष्ट्र में टीबी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई अभियान शुरू किए हैं। विशेष रूप से उन्होंने टीबी अभियानों के लिए न्यूनतम बजट आवंटित करने के लिए ग्राम पंचायतों को नियुक्त किया है, जो इस बीमारी से निपटने के लिए अपनाए गए व्यापक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।

बीसीजी टीके के प्रभाव का महाराष्ट्र में किया जाएगा आकलन

वयस्कों में टीबी संक्रमण को रोकने में बीसीजी टीकाकरण की प्रभावकारिता का आकलन करने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग इस साल अप्रैल से एक राज्यव्यापी अध्ययन शुरू करेगा। अध्ययन में महाराष्ट्र में १.७६ करोड़ लोगों की अनुमानित आबादी को लक्षित करते हुए १८ वर्ष और उससे अधिक आयु के प्रतिभागियों को शामिल किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार बीसीजी टीकों का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है। लेकिन टीबी को रोकने में इसकी प्रभावशीलता और टीकाकरण के बाद प्रतिरक्षा की अवधि पर सवाल अभी भी बहस का विषय है। आगामी राज्यव्यापी अध्ययन का उद्देश्य इन मुद्दों पर स्पष्टता प्रदान करना है।

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