मुख्यपृष्ठस्तंभपंचनामा: अस्पतालों में अनाज कमी का कौन जिम्मेदार ?

पंचनामा: अस्पतालों में अनाज कमी का कौन जिम्मेदार ?

संदीप पांडेय / ट्विंकल मिश्रा

मरीजों के स्वास्थ्य के साथ हो रहा खेल
अस्पताल में रोटी की जगह दिया जा रहा ब्रेड

मुंबई सेंट्रल में स्थित नायर अस्पताल में प्रशासन की लापरवाही के चलते करीब पांच दिनों तक अस्पताल में एडमिट मरीजों को आहार में रोटी और चावल की जगह ब्रेड दिया गया। यह मरीजों के स्वास्थ्य के साथ एक बड़ा खिलवाड़ है। नागरिक बीमार होने के बाद सीधा मनपा अस्पताल जाता है, जिसके पीछे दो कारण होते हैं। पहला यह कि उनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं होती और दूसरा उन्हें मनपा अस्पताल पर भरोसा होता है कि यहां उनका अच्छा इलाज होने के साथ ही उनकी सेहत का भी भरपूर ख्याल रखा जाएगा, लेकिन मरीजों का अब ऐसा सोचना गलत है। उन्हें ये नहीं मालूम है कि जिस अस्पताल में जा रहे हैं, वहां उन्हें प्रशासन की लापरवाही से मिलने वाले आहार में रोटी और चावल की जगह ब्रेड दे दिया जाता है।

नायर अस्पताल में फरवरी महीने के पांच से लेकर नौ तारीख तक आटे का स्टॉक खत्म हो गया था। बताया गया कि अस्पताल में आटे के लिए निकाला गया टेंडर अभी प्रॉसेस में है, जिसके लिए तीन से चार महीने लग सकते हैं। इसके चलते बाहर बाजार से अस्पताल में आटे की कमी को पूरा किया जा रहा है। नायर हॉस्पिटल में आटे के टेंडर के अलावा सब्जियों का टेंडर भी खत्म हो चुका है, ऐसे में अस्पताल के प्रबंधन पर इस लापरवाही को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा होता है।

बता दें कि नायर अस्पताल में इस वक्त करीब १,००० मरीज हैं, जिसमें ३०-४० वैंâसर मरीज भी हैं। अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों का खाना उनके घर से आता है, लेकिन गरीब वर्ग के मरीज अस्पताल के भोजन पर ही आश्रित होते हैं। अस्पताल में रोजाना इन मरीजों के खाने के लिए आहार में सब्जी, रोटी, चावल और दाल बनाया जाता है। इसके अलावा मरीजों को अंडा और दूध भी दिया जाता है, लेकिन मरीजों को फरवरी महीने में लगातार पांच दिनों तक आहार में रोटी की जगह ब्रेड दिया गया। अब अगर इन मरीजों को चावल और रोटी की जगह खाने में ब्रेड दिया जाएगा तो उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, क्योंकि ब्रेड से मरीजों को पेट से संबंधित बीमारी हो सकती है।

जब अस्पताल में जाकर इस बारे में जानकारी ली गई तो पता चला कि अस्पताल में पांच से लेकर नौ फरवरी तक खाने में दो तरह की सब्जी, अंडा, दाल मिला जबकि मरीजों के आहार की थाली से रोटी और चावल गायब रहा, क्योंकि इस दरमियान अस्पताल में आटा और चावल नहीं था। इस वजह से मरीजों को रोटी की जगह ब्रेड दिया गया।

आटे का स्टॉक बीच में खत्म हो गया था, लेकिन जैसे ही मुझे इस बारे में पता चला तुरंत ही आटा लोकल परचेज किया गया। अभी आटे का भरपूर स्टॉक है। गेहूं के आटे का टेंडर २ फरवरी को खत्म हो गया था। नए आटे का टेंडर भी जारी कर दिया गया है, जो अभी प्रॉसेस में है। अब मरीजों को आटे-चावल को लेकर कोई असुविधा नहीं है।
-डॉ. सुधीर मेढेकर (डीन, नायर अस्पताल)

संतोषजनक जवाब नहीं मिला

आज से कुछ दिन पहले अस्पताल में पांच दिनों तक रोटी और चावल नहीं मिला था। खाने की थाली में दो प्रकार की सब्जी, अंडा और ब्रेड मिला था। रोटी क्यों खत्म हुई थी इसके बारे में हमें नहीं पता है। जब मैंने नर्स से इस बारे में पूछा तो मुझे उनसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। -नायर अस्पताल का मरीज

लापरवाही करना ठीक नहीं

हर किसी के जेब के बस की बात नहीं होती है कि वह प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करा पाए। मनपा अस्पताल में अच्छी सुविधाओं की उम्मीद लेकर मरीज वहां जाते हैं। अगर वहां ऐसा हाल है तो मरीज कहां जाएगा? मरीज के खाने-पीने का ध्यान रखना बहुत जरूरी काम है, ऐसी लापरवाही करना ठीक नहीं है। -प्रजा कोहली, मुंबई

पाचन क्रिया बिगड़ गई

मैं यहां एक हफ्ते से अधिक समय से भर्ती हूं। मेरा हार्ट का ऑपरेशन होने वाला है। कुछ दिन पहले लगातार पांच दिनों तक खाने में रोटी की जगह ब्रेड दिया गया था, लेकिन हमें इसकी वजह नहीं बताई गई थी। ब्रेड में मैदा होता है, जिससे मेरी पाचन क्रिया बिगड़ जाती है, लेकिन मुझे मजबूरन ब्रेड खाना पड़ा। इसके चलते मुझे एसिडिटी की दिक्कत भी हुई थी।
-नायर अस्पताल का मरीज

यह बड़ी समस्या है

मुंबई के मनपा अस्पताल का ऐसा हाल है तो नागरिक अपना इलाज वैâसे कराएंगे। हर इंसान प्राइवेट अस्पताल का खर्च अफोर्ड नहीं कर सकता। मनपा प्रशासन और सरकार को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। मरीजों को ब्रेड दिया गया, यह बड़ी समस्या है।
-राकेश मेहता, मुंबई

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