-रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग में राणे को तनाव
सामना संवाददाता / मुंबई
लोकसभा में सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में पटाखे फूटने शुरू हो गए हैं। यानी महायुति में महाटेंशन शुरू हो गया है। रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र के लिए शिंदे गुट ने दावा किया है। राज्यसभा के लिए इनकार करने के बाद लोकसभा की उम्मीदवारी के लिए आंख गड़ाए बैठे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे टेंशन में हैं। रायगड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए भाजपा की ओर शुरू की गई वर्चस्व की लड़ाई से वर्तमान सांसद सुनील तटकरे गैस पर हैं। यवतमाल-वाशिम और हिंगोली सीटों पर शिंदे गुट के साथ -साथ अजीत पवार और भाजपा दावा कर रही है। जिसके कारण तीनों दलों में तनाव पैदा हो गया है।
रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र पर शिवसेना का कब्जा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि महागठबंधन के सीट बंटवारे में शिंदे गुट को जगह मिलेगी। उद्योग मंत्री उदय सामंत के भाई किरण सामंत इस सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। इसके लिए उन्होंने मोर्चा बांधना शुरू कर दिया है। इस बीच भाजपा की ओर से नारायण राणे चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट पर इससे पहले भी शिवसेना चुनाव लड़ चुकी है। शिंदे गुट के उदय सामंत ने कल दावा किया कि हम इस बार भी इस सीट से लड़ेंगे। इस पर राणे ने ट्वीट कर साफ किया है कि इस सीट पर भाजपा ही चुनाव लड़ेगी। ऐसे में शिंदे गुट की उम्मीद पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है।
नहीं चाहिए तटकरे …भाजपा ने अलापा सुर
रायगड में अजीत पवार गुट के सुनील तटकरे वर्तमान में सांसद हैं। इसके बाद भी शेकाप से भाजपा में शामिल हुए धैर्यशील पाटील ने चुनाव में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। स्थानीय स्तर पर भाजपा ने यह माहौल बनाना शुरू कर दिया है। भाजपा स्थानीय स्तर पर बैठकें करनी शुरू कर दी है। स्थानीय स्तर पर सम्मेलन लेकर कहा जा रहा है कि तटकरे नहीं चाहिए। भाजपा पदाधिकारियों द्वारा कहा जा रहा है कि रायगड में अगला सांसद भाजपा का होगा। इस बीच दो दिन पहले सुनील तटकरे ने कहा कि यहां वे उम्मीदवार हैं, ऐसा दावा किया है।
शिंदे गुट की भावना गवली का विरोध
यवतमाल-वाशिम लोकसभा क्षेत्र में संभावित उम्मीदवारी को लेकर महागठबंधन में बड़ा तनाव है। शिंदे गुट की मौजूदा सांसद भावना गवली की उम्मीदवारी का विरोध संजय राठौर ने किया है। अजीत पवार गुट के विधायक इंद्रनील नाईक ने बंजारा समुदाय से उम्मीदवार देने की मांग की है। इंद्रनील नाईक की पत्नी एडवोकेट मोहिनी नाईक के टिकट के लिए इच्छुक हैं। इस बीच भावना गवली ने ‘मेरी झांसी नहीं दूंगी’ ऐसा ऐलान करते हुए साफ कर दिया है कि वह किसी भी हालत में यह निर्वाचन क्षेत्र नहीं छोड़ेंगी।