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बिल्डर्स और बिल्डिंग हो जाएं सावधान!… अगर मच्छर पनपे तो करना होगा `पे’!

-ठाणे मनपा की गंभीर चेतावनी

सामना संवाददाता / ठाणे

मनपा प्रशासन ने मनपा क्षेत्र में महामारी की रोकथाम के उपायों के लिए नियमों में संशोधन कर नए नियम तैयार किए गए हैं। इन नियमों की अनदेखी करने वालों पर एक हजार रुपए से लेकर दस हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा निर्माण के प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र में पहले ३७ पैसे छिड़काव शुल्क लिया जाता था। अब इस शुल्क को तिगुना कर दिया गया है। मनपा घनकचरा विभाग के अनुसार १ रुपया १३ पैसे की दर से अब बिल्डरों को छिड़काव के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
बता दें कि ठाणे महानगरपालिका का कुल क्षेत्रफल १२८ वर्ग किमी है। महानगरपालिका के पश्चिमी तरफ पहाड़ी क्षेत्र, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान और पूर्वी तरफ खाड़ी है। इस भौगोलिक संरचना की पृष्ठभूमि में पश्चिम में वन क्षेत्र और पूर्व में खाड़ी का दलदली क्षेत्र मच्छरों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है। साथ ही ठाणे शहर में नई-नई बिल्डिंगों का निर्माण हो रहा है। कई नए निर्माण कार्य चल रहे हैं। इसमें ऊंची-ऊंची इमारतें शामिल हैं। इमारत पर छत बनने के बाद उसकी सतह पर पानी जमा हो जाता है। इसके अलावा भवन निर्माण के लिए पानी को बड़े टैंकों में संग्रहित किया जाता है। साथ ही निर्माण स्थल के खुदाई वाले क्षेत्र में भी पानी जमा हो जाता है।
निर्माण स्थल पर देश के कई हिस्सों से मजदूर आते हैं। जिस क्षेत्र से ये मजदूर आते हैं, यदि उस क्षेत्र में महामारी फैलती है तो उस मजदूर से शहर में महामारी पैâलने की संभावना होती है। इस मामले को ध्यान में रखते हुए ठाणे महानगरपालिका ने २००८ में महामारी रोकथाम उपाय विनियमों की घोषणा की थी। महानगरपालिका ने अब इस नियम में संशोधन कर नया संशोधित नियम तैयार किया है और इसे महानगरपालिका की प्रशासनिक आम बैठक में मंजूरी दे दी गई है।

नई संशोधित नियमावली
बिल्डरों को नए निर्माण प्रस्तावों की मंजूरी देते समय कीट नियंत्रण उपाय योजना करने की आवश्यकता होती है। निर्माण के प्रति वर्ग मीटर क्षेत्र में १.१३ रुपए प्रति स्प्रे की दर से सुविधा शुल्क लगाया जाएगा। पहले यह शुल्क ३७ पैसे था। मच्छरों, कीड़ों, चूहों और मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए आवासीय परिसरों, कंपनियों, वाणिज्यिक परिसरों, ५० से अधिक फ्लैट वाले खुले भूखंडों के लिए एक स्वतंत्र सरकार अधिकृत कीट नियंत्रण एजेंसी नियुक्त करना अनिवार्य कर दिया गया है।

दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान
मनपा द्वारा मंजूर किए गए नए प्रस्ताव के अनुसार किसी भी प्रकार के निजी परिसर, आवासीय घर और स्वामित्व वाले परिसर या प्रतिष्ठानों में मच्छर प्रजनन स्टेशन पाए जाने पर १,००० रुपए, सरकारी, अर्ध-सरकारी कार्यालयों, ट्रस्टों, संस्थानों, खाली संपत्ति या निर्माण स्थलों, वाणिज्यिक स्थलों में मच्छर प्रजनन स्टेशन पाए जाने पर ५,००० रुपए, कॉम्प्लेक्स और कंपनी मालिक की संपत्ति पर मच्छर प्रजनन केंद्र पाए जाने पर १०,००० रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद भी अगर महामारी नियंत्रण कार्य में ढिलाई बरती गई तो दोषियों के खिलाफ महाराष्ट्र महानगर पालिका अधिनियम ३१५ और ३१६ के तहत जुर्माने के साथ कार्रवाई की जाएगी।

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