मनोज श्रीवास्तव
उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी घटक में शामिल होने के बाद भी मंत्रिमंडल में न शामिल किए जाने पर सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जब तक उन्हें राजपाट नहीं मिलेगा तब तक वो होली नहीं मनाएंगे। राजभर ने कहा कि इतिहास दर्ज है कि होली के दिन ही भर जाति का राजपाट छीना गया था। ओम प्रकाश राजभर से मंत्री पद को लेकर जब सवाल किया गया था तो उन्होंने बोला कि ‘आप देखते जाइए क्या होता है। हम तो होली मनाते नहीं हैं, क्योंकि जब से हमने इतिहास पढ़ा है कि भर जाति का राजपाट होली के दिन ही छीना गया है। जब इस देश में ५८५ राजा होते थे तो देश में १६५ अकेले भर ही राजा थे। ये इतने मस्त हो गए होली के दिन कि इनको खिला-पिलाकर राजपाट छीन लिया गया। इसलिए जब तक मैं राजपाट नहीं ले लेता, तब तक मैं होली नहीं मनाऊंगा। भारतीय जनता पार्टी की गुजरात टीम भली-भांति जानती है कि यदि ओम प्रकाश राजभर को यूपी मंत्रिमंडल में लोकसभा चुनाव के पहले स्थान नहीं दिया तो वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में भाजपा की सफलता के गणित को बिगाड़ देंगे। राजभर ने २०२२ के विधानसभा चुनाव में भाजपा का साथ छोड़कर सपा से हाथ मिलाया तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में सपा को सफलता मिली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पूर्वांचल में भाजपा को नहीं उबार पाए थे।
इस बीच दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से भेंट की। अनुमान लगाया जा रहा है कि यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर यह भेंट हुई है। भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में सहयोगी दलों में सीट शेयरिंग तय होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाए जा रहे हैं। संभावित मंत्रिमंडल के विस्तार में ओम प्रकाश राजभर, दारा सिंह चौहान को मंत्री बनाया जा सकता है। एनडीए में शामिल आरएलडी से भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। आरएलडी से एक गूजर, एक मुस्लिम चेहरा मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। शनिवार के लिए मुख्यमंत्री के अभी तक के कार्यक्रम में राजभवन का कोई कार्यक्रम नहीं आया है। फिलहाल, यूपी भाजपा और दिल्ली की टीम गुजरात के इशारों पर थिरकती है इसलिए यहां अभी किसी को कुछ मालूम नहीं है। जब फरमान आएगा, तभी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। इस संदर्भ में वरिष्ठ पत्रकार नितेश पांडेय (कुशीनगर) ने कहा कि राजभर एक बार भाजपा को मजा चखा चुके हैं। मोदी-शाह लोकसभा चुनाव में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते इसलिए उन्होंने राजभर से पुन: गठजोड़ किया है। भविष्य में राजभर यदि कोई समस्या पैदा करेंगे तो वह योगी की समस्या होगी। वैसे भी शाह खेमा योगी को डिस्टर्ब करने का कोई मौका चूकता नहीं। मंत्रिमंडल पर ओम प्रकाश की घुड़की स्वाभाविक है। महीनों से वे बार-बार मंत्री होने की भविष्यवाणी करते हैं और परिणाम फुस्स हो जाता है। राजभर जान गए हैं कि यदि लोकसभा अधिसूचना के पहले उन्हें मंत्रिमंडल का हिस्सा न बनाया गया तो वे कहीं के नहीं रहेंगे इसीलिए उन्होंने भाजपा का सिरदर्द बढ़ा दिया।