मुख्यपृष्ठसमाचारएमपी के डिंडोरी हादसे में १४ मौतों का जिम्मेदार कौन?

एमपी के डिंडोरी हादसे में १४ मौतों का जिम्मेदार कौन?

-शव पहुंचे तो चीख उठा गांव…जेसीबी से गड्ढे खोद दफनाए गए

सामना संवाददाता / भोपाल

मध्य प्रदेश के डिंडोरी में गुरुवार को सड़क हादसे में १४ लोगों की मौत हो गई। २० लोग घायल हैं, जिनमें से नौ की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी का इलाज जबलपुर मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। हादसे में जान गंवाने वाले १४ में से १० मृतक शहपुरा के अम्हरी देवरी गांव के हैं, हादसे की खबर आने के बाद से गांव में चूल्हा नहीं जला। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। एक साथ दस लोगों के शव गांव आए तो हर किसी का कलेजा फट गया। इस हादसे के बाद नागरिक सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
मिली जानकारी के अनुसार, शहपुरा के अम्हाई देवरी गांव में रहने वाले लवकेश मार्को की बहन को बेटा हुआ है। उसके चौक का कार्यक्रम मंडला जिले के मसूर घुघरी गांव स्थित ससुराल में था, जिसमें शामिल होने के लिए ३४ लोग गए थे। २८ लोग अम्हरी देवरी गांव के थे और बाकी छह लोग रिश्तेदार थे। इनमें १७ महिलाएं भी शामिल थीं। देर रात कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी लोग वापस लौट रहे थे, इस दौरान बिछिया-बड़झर के बीच मोड़ पर पिकअप अनियंत्रित होकर २० फीट नीचे ढलान पर पलट गया। हादसे में १४ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और २० लोग घायल हो गए।
पिकअप चालक है घूसखोर बर्खास्त कर्मचारी
शहपुरा पुलिस ने अम्हरी देवरी के रहने वाले ओमकार सिंह की शिकायत पर पिकअप चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आरोपी चालक अजमेर सिंह तेकाम शहपुरा के ढोढा करोंदी गांव का रहने वाला है। उसकी पिकअप गाड़ी का बीमा और फिटनेस कई साल पहले ही खत्म हो गया था। यह गाड़ी उसने अपनी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड करा रखी है। आरोपी चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच में सामने आया है कि आरोपी जबलपुर नगर निगम में ग्रेड-२ का कर्मचारी भी रह चुका है। करीब छह साल पहले लोकायुक्त ने अजमेर को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया था, जिसके बाद उसे नौकारी से बर्खास्त कर दिया गया था। नौकरी जाने के बाद उसने पिकअप निकाल लिया और गांव में ही चलाने लगा।
अम्हरी देवरी गांव में पसरा मातम
हादसे में एक साथ १० मौतों और कई घायलों के अस्पताल में भर्ती होने के कारण अम्हरी देवरी गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव में एक साथ दस शव आए तो महिलाओं और बच्चों की चीखें सुनकर हर किसी का कलेजा मुंह को आ गया। गांव में किसी के भी घर चूल्हा नहीं जला। जिस गांव में बुधवार को खुशी का माहौल था वहां अब मातम पसरा हुआ है।
प्रशासन ने मार दी मानवता
दर्दनाक हादसे में १४ लोगों की जान चली गई, लेकिन डिंडोरी प्रशासन ने कुछ ऐसा किया, जिससे मानवता ही मरती हुई नजर आई। इस हादसे के बाद प्रशासन ने शवों और घायलों को मालवाहक वाहनों से ही अस्पताल भेज दिया। इतने बड़े हादसे के बाद भी प्रशासन एंबुलेंस मुहैया नहीं करा सका।

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