मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनासमाज के सिपाही : जीवनभर करना चाहते हैं लोगों की सेवा

समाज के सिपाही : जीवनभर करना चाहते हैं लोगों की सेवा

अशोक तिवारी

मुंबई शहर में देश के कोने-कोने से आए लोगों ने मुंबई को बसाने, सजाने और संवारने के लिए जी-तोड़ मेहनत की है। मुंबई को मिनी भारत भी कहा जाता है क्योंकि मुंबई में देश के विभिन्न धर्म एवं संस्कृतियों को मानने वाले लोग रहते हैं। जो व्यक्ति पूरे भारत का भ्रमण नहीं कर सकता वह अगर मुंबई का भ्रमण कर लेता है तो उसे पूरे देश की संस्कृति से करीब-करीब रू-बरू होने का मौका मिल जाता है। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले की धरती से रोजी-रोटी की तलाश में मुंबई आए एहसान उल्लाह खान आज कुर्ला-घाटकोपर क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। एहसान उल्लाह खान बताते हैं कि वह वर्ष १९८१ से मुंबई की जनता की सेवा कर रहे हैं। वे वर्ष १९८१ से लेकर १९८७ तक हुए धारावी विकास मंच नामक गैर सरकारी संगठन के महासचिव थे, जिसके माध्यम से वे धारावी की जनता की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करते थे। वर्ष १९८७ में एहसान उल्लाह खान ने जनता दल ज्वॉइन किया और समाजसेवा करने लगे। लेकिन वर्ष १९९० में समाजवादी पार्टी ज्वॉइन कर लिया। समाजवादी पार्टी से टिकट मिलने के बाद एहसान उल्लाह खान वर्ष १९९७ में नगरसेवक चुने गए। एहसान उल्लाह खान बताते हैं कि उनके इलाके में गैबान शाह दरगाह के पास एक मुस्लिम कब्रिस्तान था। वह पिछले ४० वर्षों से रखरखाव के अभाव में बंद पड़ा हुआ था। एहसान उल्लाह खान ने उस कब्रिस्तान को शुरू करवाने के लिए प्रशासन से बरसों तक कड़ी लड़ाई लड़ी। इसके बाद वर्ष १९९९ में प्रशासन ने कब्रिस्तान का पुनर्निर्माण कर उसे जनता के लिए खोल दिया। हिल क्रमांक-३, संजय नगर, अशोक नगर में पानी की बहुत ही समस्या थी क्योंकि यह इलाका पहाड़ी पर बसा हुआ है और बहुत ऊंचाई पर है। पानी की समस्या को सुलझाने के लिए एहसान उल्लाह खान ने कड़े प्रयास कर ९ इंच की पानी की पाइपलाइन डलवाई. एहसान उल्लाह खान नारायण नगर, गैबान शाह दरगाह इत्यादि क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते थे। वहां पर शत-प्रतिशत झोपड़पट्टी थी। एहसान उल्लाह खान ने झोपड़पट्टी की समस्याओं को प्रशासन के समक्ष समय-समय पर उठाया और गरीब बच्चियों की शिक्षा और पढ़ाई के लिए लोगों से चंदा मांगकर उनकी मदद करते रहे। एहसान उल्लाह खान के समर्थकों का दावा है कि एहसान उल्लाह खान अभी तक १०० से ज्यादा गरीब बच्चियों की शादी करवा चुके हैं। इसके अलावा सैकड़ों युवाओं को रोजगार प्रदान कर चुके हैं। वर्ष २००९ से एनसीपी के मुखिया शरद पवार के विचारों से प्रभावित होकर एहसान उल्लाह खान पार्टी में शामिल हो गए। एहसान उल्लाह खान का कहना है कि वह जब तक जिएंगे लोगों की सेवा करते रहेंगे।

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