-डॉ. बालकृष्ण मिश्र
विद्यावारिधि (पी.एच.डी-काशी)
गुरुजी, मेरे बेटे का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, उपाय बताएं?
– पवन हर्षल कदम
(जन्म- ८ अक्टूबर २०१८, समय- दिन में १२.३०, स्थान- मुंब्रा, थाना)
पवन हर्षल जी, आपका जन्म सोमवार के दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है। आपकी राशि कन्या बन रही है। तिथि के आधार पर अगर हम देखें तो अमावस्या तिथि और लग्न के आधार पर तो धनु लग्न में आपका जन्म हुआ है। आपकी कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी चंद्रमा दशम भाव पर बैठा है और अष्टम भाव पर ही राहु बैठा हुआ है। इस कारण आपकी कुंडली में बालारिष्ट योग बना हुआ है। आपको चांदी का दो चंद्रमा बनवाना चाहिए। चांदी का चंद्रमा बनवाकर सोमवार के दिन दोनों में लाल धागा बांधकर शंकर जी के मंदिर में जाकर उसे शंकर जी को पहना दें। उसमें से एक चांदी का चंद्रमा लाल धागे के साथ लड़के को पहना दें और दूसरा चांदी का चंद्रमा शंकर जी के ऊपर ही छोड़ दें। ऐसा करने से लड़के का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा। जीवन को विस्तारपूर्वक जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
गुरुजी, मुझे सफलता नहीं मिल रही है। क्या उपाय करूं? – हर्षल हीरामन कदम
(जन्म- ३० मार्च १९८९, समय- दिन में १.३५, स्थान- मुंबई)
हर्षल जी, गुरुवार के दिन आपका जन्म पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के प्रथम चरण में हुआ है और आपकी राशि धनु बन रही है। आपके करियर के बारे में हम विचार करें तो करियर का विचार दशम भाव से किया जाता है। दशम भाव का स्वामी मंगल आपकी कुंडली में पंचम भाव का स्वामी हो करके देवगुरु बृहस्पति के साथ में लाभ भाव पर बैठा हुआ है। आप बुद्धिमान बहुत हैं लेकिन अपनी बुद्धिमानी का पूरी तरह से बेनिफिट प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि आपकी कुंडली में कालसर्प योग बना हुआ है। इस कालसर्प योग के कारण आपकी बुद्धिमानी का पूरा बेनिफिट दूसरे लोग प्राप्त करते हैं। आपको किसी व्यापार से जुड़े रहना चाहिए और पूरी तरह से विकास और सफलता प्राप्त करने के लिए कालसर्प योग की वैदिक पूजा करवानी चाहिए। जीवन को विस्तारपूर्वक जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
गुरुजी, मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, मुझे क्या करना चाहिए? – अभिजीत पोल
(जन्म- १९ अक्टूबर १९७२, समय- रात्रि ९.३०, स्थान- कोल्हापुर, महाराष्ट्र)
अभिजीत जी, आपका जन्म गुरुवार के दिन पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण में हुआ है और आपकी राशि कुंभ बन रही है। अगर स्वास्थ्य के बारे में हम विचार करें तो वृषभ लग्न में आपका जन्म हुआ है। सप्तम भाव का स्वामी शुक्र आपकी कुंडली में चौथे स्थान पर बैठा है और द्वितीय भाव पर केतु बैठा हुआ है। द्वितीय भाव पर बैठा हुआ केतु अपने पंचम दृष्टि से छठे भाव को देख रहा है, जहां पर सूर्य और बुध बैठा हुआ है वह सूर्य नीच राशि का है। इससे संकेत मिल रहा है कि बैक्टीरिया से रिलेटेड आपको बीमारी है। लेकिन घबराने की बजाय उपाय करें, निश्चित ही आपको लाभ मिलेगा। सबसे पहले शनि का उपाय करना आवश्यक है। इसके लिए १०० ग्राम काला तिल, १०० ग्राम काली उड़द, १०० ग्राम बादाम, १०० ग्राम कच्चा कोयला, एक नारियल, आधा मीटर काला कपड़ा यह सारी सामग्री अपने सिर से सात बार घुमा करके बहते पानी में सात शनिवार प्रवाहित करें। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की परिक्रमा प्रतिदिन कम से कम ७ मिनट तक करें। यदि ऐसा करते हैं तो धीरे-धीरे आपको राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। जीवन को विस्तारपूर्वक जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
गुरुजी, मेरी लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज?
– सूरज गुप्ता
(जन्म- १९ दिसंबर १९९६, समय- रात्रि १२.४५, स्थान- प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश)
सूरज जी, आपका जन्म गुरुवार के दिन रेवती नक्षत्र के द्वितीय चरण में हुआ है और आपकी राशि मीन बन रही है। यदि आपकी मैरिज की दृष्टि से हम आपकी कुंडली को देखें कि आपकी लव मैरिज होगी या अरेंज मैरिज तो कन्या लग्न में आपका जन्म हुआ है और कन्या लग्न का स्वामी बुध है, जो आपकी कुंडली में चौथे स्थान पर बैठा है। लेकिन अष्टम भाव का स्वामी आपकी कुंडली में मंगल है और वह मंगल लग्न में बैठ करके राहु के साथ में आपकी कुंडली को मांगलिक बनाया है। इस लग्न में बैठ करके अपनी पूर्ण दृष्टि से सप्तम भाव को देख रहा है और सप्तम भाव पर बैठे हुए चंद्रमा पर भी दृष्टि डाल रहा है। इस कारण आपकी मानसिकता अपने मनपसंद विवाह की बन रही है लेकिन आपको अपने माता-पिता की सहमति के बगैर विवाह नहीं करना चाहिए। विवाह से पहले आपको मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ भी करवाना चाहिए। आपकी कुंडली में कालसर्प योग भी बना हुआ है, जिसके कारण आप कन्फ्यूज रहते हैं। जीवन को विस्तारपूर्वक जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।