कितना भी अच्छा करो नहीं दूंगा गृहविभाग!
-दादा के दावों पर लगा ग्रहण
सामना संवाददाता / मुंबई
बारामती में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए नमो महारोजगार मेले का आयोजन किया गया था। इस मेले के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया था। इसके साथ ही पिछले दो दिनों से मीडिया को एक नई इंडस्ट्री मिल गई और मीडिया प्रतिनिधियों ने काम करना शुरू कर दिया। इसलिए उन्होंने हमारी सभा को बहुत प्रचार दिया, इसके लिए उन्हें धन्यवाद. यदि कोई अच्छा काम करना चाहता है तो महाराष्ट्र में एक राजनीतिक संस्कृति है जिसका हर कोई पालन करता है। यह आज इस मंच से स्पष्ट दिखाई दे रहा है। यह बात उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम सब मिलकर अच्छे काम कर सकते हैं। आज की बैठक में यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
इस मेले से ५५ हजार पद भरे जाएंगे। उद्योगों को जहां बड़ी मात्रा में मानव संसाधनों की आवश्यकता होती है वहीं दूसरी ओर युवाओं को रोजगार की जरूरत है। इसलिए इन दोनों को एक साथ लाना जरूरी था। इसके लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने दोनों को एक साथ लाने की कोशिश की, ऐसा बारामती में महारोजगार मेले में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा।
कल बारामती में महारोजगार मेले के अवसर पर बारामती में विभिन्न विकास कार्यों का भी उद्घाटन किया गया। बारामती एसटी बस स्टैंड, नए पुलिस स्टेशन, पुलिस उप-मुख्यालय और पुलिस आवास परिसर का उद्घाटन किया गया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इन सभी कार्यों की सराहना की। ‘यह कोई सरकारी निर्माण नहीं लगता। बस स्टैंड को एयरपोर्ट की तरह विकसित किया गया है। डिप्टी पुलिस मुख्यालय एक कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह बनाया गया है’ ऐसे शब्दों में फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की प्रशंसा की। इसके साथ ही उन्होंने मजाक-मजाक में ‘मन की बात’ भी कह दी।
यह भी कहा कि अब बारामती में पोस्टिंग के लिए पुलिस मेरे पीछे पड़ेगी। इस अवसर पर मैं अजीत पवार से अनुरोध करना चाहूंगा कि पुलिस आवासों के निर्माण के लिए अजीत पवार को पीएमसी (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट) बनाया जाए, ताकि राज्य में हर जगह ऐसी अच्छी इमारतें बनाई जा सकें। बेशक अजीत पवार ही मुझसे गृह विभाग मांग सकते हैं। लेकिन मैं यह विभाग उन्हें नहीं दूँगा, मैं इसे अपने पास ही रखूंगा, उन्होंने मजाक-मजाक में ‘मन की बात’ भी कह दी।
हम संविदा कर्मचारी हैं-फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि हम राजनीति में काम करने वाले संविदा कर्मचारी हैं। हमें हर पांच साल में अनुबंध का नवीनीकरण कराना होता है। यदि हम अच्छा प्रदर्शन करते है, तो लोग हमारा अनुबंध नवीनीकृत कर देते हैं और यदि हम अच्छा नहीं करते हैं, तो लोग हमें घर भेज देते हैं। लेकिन अगर आप अच्छा काम करते हैं तो जीवनभर तरक्की होती रहती है।