-मुंबई व पुणे बन रहा ड्रग्स का गढ़!
-पिंपरी का पीएसआई गिरफ्तार
सामना संवाददाता / मुंबई
`शिक्षा का घर’ कहा जाने वाला पुणे में अक्सर नशीले पदार्थों, तस्करी, करोड़ों रुपए के ड्रग्स पकड़े जाने का मामला सामने आता रहता है। पिंपरी के `पीएसआई’ को हाल ही में पिंपरी में पकड़े गए मेफेड्रोन ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में निगडी पुलिस स्टेशन में कार्यरत विकास शेलके को सांगवी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना से भयावह स्थिति पैदा हो गई है। पुणे अब `ड्रग्स का घर’ बनता जा रहा है। इसके साथ ही मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ड्रग्स के साथ पक़ड़ा गया आरोपी को पुलिस द्वारा समय पर कोर्ट में हाजिर नहीं किए जाने के कारण जमानत वो पर रिहा हो गया। इन दोनों घटनाओं कहा जा रहा है कि गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पुलिस ड्रग्स की संरक्षक बनी है। ऐसा गंभीर सवाल खड़ा हो गया है।
पुणे में पिछले कुछ महीनों से लगातार पुलिस द्वारा करोड़ों रुपए की ड्रग्स जब्त किया जा रहा है। आए दिन नशीली दवाओं और ड्रग्स की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे पुलिस द्वारा ३,७०० करोड़ रुपए की नशीली दवाओं की जब्ती को संज्ञान लेते हुए २५ लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है। साथ ही पुणे में पुलिस उपनिरीक्षक के खुद मेफेड्रोन जैसे अवैध ड्रग्स की तस्करी में शामिल होने से हड़कंप मच गया है।
ऐसा है मामला
-सांगवी पुलिस स्टेशन अंतर्गत रक्षक चौक पर एक अज्ञात व्यक्ति से २ करोड़, २ लाख रुपए मूल्य की २ किलो ३८ ग्राम मेफेड्रोन दवाएं जब्त की गईं। इस मामले में नमामि झा को भी गिरफ्तार किया गया था। इस गंभीर अपराध की तह तक जाने के लिए जब पुलिस ने गहन जांच की तो पुलिस सब-इंस्पेक्टर विकास शेलके का नाम सामने आया।
४५ करोड़ रुपए की ४५ किलो एमडी ड्रग्स
एंटी नारकोटिक्स सेल और सांगवी पुलिस ने २ किलो ३८ ग्राम मेफेड्रोन के साथ-साथ अन्य ४३ किलोग्राम एमडी ड्रग्स जब्त किया। शुक्रवार को की गई कार्रवाई में कुल ४५ किलो, कल की कार्रवाई में २ किलो और ४३ किलो एमडी ड्रग्स जब्त किया गया है। इन ड्रग्स की कीमत ४५ करोड़ रुपए तक है। गिरफ्तार पुलिस विकास शेलके की योजना नाकाबंदी के दौरान जब्त किए गए ड्रग्स को बेचकर पैसे कमाने की थी, लेकिन पूछताछ के दौरान उसका नाम सामने आ गया।
आरोपी को बचाने के लिए कोर्ट में हाजिर नहीं हुई जीआरपी
मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर २४ जनवरी को राजस्थान के कोटा से आए एक आरोपी को ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। उस आरोपी को कोर्ट में देर से पेश किए जाने के कारण कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी। इतना ही नहीं बुधवार को इस मामले की सुनवाई थी, लेकिन जीआरपी के जांच अधिकारी ही हाजिर नहीं हुए। इस मामले में भी संदेह जताया जा रहा है कि पुलिस आरोपी को बचाने के लिए जांच में लापरवाही बरत रही है। ऐसे में फडणवीस के गृह विभाग पर सवाल खड़े होने लगे हैं।