-बनेगा बेहतर मूड, आएगी अच्छी नींद
-चिकित्सकों की सलाह-सुबह २० मिनट सूर्य का प्रकाश लेना जरूरी
धीरेंद्र उपाध्याय
रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। पौष्टिक भोजन की कमी, अपर्याप्त नींद और गलत जीवनशैली कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देती हैं। ऐसे में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन मिलना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, त्वचा को कोई नुकसान पहुंचाए बिना और त्वचाकैसर के खतरे को बढ़ाए बिना २० मिनट तक धूप लेना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद है। इससे न केवल थकान छूमंतर हो जाएगी, बल्कि मूड भी बेहतर बनेगा। इतना ही नहीं, अच्छी नींद भी आएगी। चिकित्सकों का कहना है कि अगर कुछ लोग लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहते हैं तो उन्हें त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
जानकारों के मुताबिक, विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट का स्तर नियंत्रित रखने के साथ ही उनके इस्तेमाल की क्षमता निर्धारित करने के लिए भी अहम माना जाता है। हड्डियों, मांसपेशियों और दांतों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही यह रोगों से लड़ने की ताकत भी बढ़ाता है। यही वजह है कि इसकी कमी से व्यक्ति को न सिर्फ जल्दी-जल्दी सर्दी-जुकाम-बुखार होने की शिकायत सताती है, बल्कि उनके घाव भी देरी से भरते हैं। हर समय सुस्ती, थकान और कमजोरी का एहसास बना रहता है। चिकित्सकों के मुताबिक, जरूरत से ज्यादा पसीना होना भी विटामिन-डी की कमी का संकेत है। इसके अलावा हाथ-पैर और जोड़ों में लगातार दर्द व ऐंठन महसूस होना भी इसकी खुराक बढ़ाने का इशारा करता है। लंबे समय तक ध्यान न देने पर हड्डियों-मांसपेशियों में क्षरण की शिकायत पनप सकती है, जो प्रैâक्चर का खतरा बढ़ाती है। ऐसे में कई चिकित्सक विटामिन-डी की जरूरत पूरा करने के लिए दवाएं और सप्लीमेंट लेने के बजाय धूप सेंकने की नसीहत देते हैं।
हर दूसरे में विटामिन-डी कमी
विटामिन-डी हमारी सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि, धूप में कम से कम समय बिताने की वजह से इस जरूरी पोषक तत्व की कमी लगभग हर दूसरे व्यक्ति में देखने को मिल सकती है। विटामिन-डी कैल्शियम की सही मात्रा को बरकरार रखने में मदद करता है, जिससे ब्लड और हड्डियों में कैल्शियम की कमी नहीं होती और हड्डियां मजबूत रहती हैं। विटामिन-डी के बिना शरीर कैल्शियम और फास्फोरस का इस्तेमाल नहीं कर पाता है। इस वजह से कैल्शियम की मात्रा काफी कम होने लगती है और हड्डियां व टिश्यू कमजोर होने लगते हैं।
कमी के लक्षण
शरीर में विटामिन डी की कमी का पता मेडिकल टेस्ट के जरिए लगाया जा सकता है, लेकिन हमारी बॉडी के जरिए भी कुछ संकेत मिल सकते हैं। इसकी कमी होने पर जख्म देरी से भरते हैं। डिप्रेशन और स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है। अगर मसल्स में दर्द होने लगे तो ये विटामिन डी की कमी के लक्षण हैं। विटामिन डी की कमी से पूरे दिन सुस्ती और आलस महसूस होता है। हड्डियों में दर्द होने लगता है। अगर बाल बहुत ज्यादा टूट रहे हैं या सफेद हो रहे हैं तो ये विटामिन डी की कमी के संकेत हैं। इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, जिससे लोग जल्दी बीमार पड़ते हैं।
इस तरह करें बचाव
बडों के साथ ही बच्चों को रोज कुछ समय के लिए धूप लेना चाहिए, ताकि स्किन सूरज की किरणों को शोषित कर सके और विटामिन-डी बना सके। इससे उनकी एक्सरसाइज भी होगी और वे सक्रिय रहेंगे, जो उनके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। डाइट में मशरूम, अंडे की जर्दी, कॉड लीवर ऑयल, पैâटी फिश आदि को शामिल करें। इसके अलावा फोर्टिफाइड फूड आइटम्स भी बाजार में मौजूद हैं, जिन्हें डाइट में शामिल कर सकते हैं।
थायराइड की समस्या
विटामिन-डी की कमी की वजह से थायराइड की समस्या भी हो सकती है। इससे हाइपर पैराथायराइडिज्म की समस्या हो सकती हैं, जिस कारण से डिप्रेशन, मसलक्रैप, थकान आदि की समस्या हो सकती है। बच्चों के लिए यह काफी गंभीर समस्या हो सकती है, क्योंकि कैल्शियम की कमी की वजह से शरीर हड्डियों से वैâल्शियम लेने लगता है, जिस कारण से सॉफ्ट बोन्स या रिकेट की समस्या भी हो सकती है। इस कंडीशन में हड्डियां टेढ़ी-मेढ़ी बनती हैं और विकास में रुकावट हो सकती है। विटामिन-डी की कमी की वजह से बच्चों के मानसिक विकास में भी समस्याएं हो सकती हैं। उनमें इसकी कमी होना काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
-डॉ. श्रीनिवास चव्हाण, विभाग प्रमुख, ईएनटी, जेजे अस्पताल
इस तरह होती है धूप की जरूरत
दिन में १० से ३० मिनट की धूप बड़ी मात्रा में विटामिन डी प्रदान कर सकती है। जिन जगहों पर प्रतिदिन १२ घंटे धूप मिलती है, वहां रहनेवाले लोगों को २० मिनट की धूप मिलनी चाहिए। गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को दिन में ३० मिनट धूप में रहना चाहिए। सांवली त्वचा वाले लोगों के शरीर में मेलेनिन नामक वर्णक अधिक होता है, जो त्वचा को उसका रंग देता है, जिससे त्वचा को सूरज की रोशनी को अवशोषित करने में अधिक समय लगता है। इसी तरह जो लोग ठंडे क्षेत्रों में रहते हैं, उन्हें अधिक धूप की आवश्यकता होती है। ऐसे लोगों को विटामिन डी पाने के लिए हर दिन दो घंटे धूप में बिताने की जरूरत होती है।
-डॉ. नेताजी मुलिक, एमडी मेडिसिन, चिकित्सा अधीक्षक, मेंटलअस्पताल
अधिक धूप से त्वचा कैंसर
स्वस्थ जीवन शैली के लिए सूर्य का प्रकाश आवश्यक है। नींद और आंत से स्वास्थ्य का सीधा संबंध है। यदि आप अच्छी नींद लेते हैं, तो आपका पेट भी स्वस्थ रहता है। आंत के स्वास्थ्य का हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली और मनोदशा पर सीधा प्रभाव पड़ता है। धूप में बहुत अधिक समय तक रहने से त्वचा संबंधी रोग या त्वचा कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में धूप लेते समय सही संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। त्वचा की सुरक्षा के लिए उपयुक्त कपड़े पहनकर और धूप के संपर्क में आने पर त्वचा पर सनस्क्रीन का उपयोग करके धूप के संपर्क में आने वाले लाभ उठाए जा सकते हैं।
-डॉ. अनिल सिंघल, चेस्ट स्पेशलिस्ट