-सीटों के बंटवारे को लेकर करना होगा विचार
-विधायकों ने दादा को चेताया
सामना संवाददाता / मुंबई
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित कर दी है। इसमें कुल १९५ उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इसमें १६ राज्यों और २ केंद्र शासित प्रदेशों के उम्मीदवारों का समावेश है, लेकिन भाजपा की लिस्ट में महाराष्ट्र से एक भी उम्मीदवार शामिल नहीं है। एकनाथ शिंदे गुट और अजीत पवार गुट के बीच सीट बंटवारे को लेकर अब भी पेंच फंसा हुआ है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, विधानसभा क्षेत्रों की हालत खराब होती जा रही है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शिरूर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अमोल कोल्हे को सीधी चुनौती देते हुए कहा है कि वह पिछली बार चुने गए थे, अब मैं उन्हें इस चुनाव में हराऊंगा। पूर्व सांसद और शिंदे गुट के शिवाजीराव आढलराव पाटिल कोल्हे के खिलाफ लड़ने के लिए उत्सुक हैं। पिछले चुनाव में कोल्हे ने आढलराव को हराया था। ऐसा लग रहा है कि महायुति में यह सीट दादा गुट को मिलेगी, ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है। शिंदे गुट के शिवाजी आढलराव की एंट्री और उम्मीदवारी का विरोध तो दादा गुट की ओर से किया रहा है। इसको लेकर दादा टेंशन में बताए जा रहे हैं। इस संबंध में विधायक दिलीप मोहिते पाटील ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि अगर आढलराव को पार्टी में शामिल किया गया तो बाकी विधायक नाराज हो जाएंगे। मोहिते पाटील ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा है कि मुझे भी अलग पैâसला लेने पर मजबूर होना पड़ेगा। पूर्व विधायक विलास लांडे दादा गुट के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। वे आढलराव की उम्मीदवारी के खिलाफ हैं। ‘२०१९ में भी, मैं लोकसभा लड़ने के लिए उत्सुक था। लेकिन चुनाव से पहले शिवसेना से राकांपा में आए अमोल कोल्हे को मौका दिया गया। अजीत पवार के एक वफादार कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने उनके अनुरोध पर कोल्हे के लिए काम किया। लेकिन अब फिर से अगर आयात उम्मीदवार को मौका दिया जा रहा है तो कुछ चीजों पर विचार करना होगा, ऐसा लांडे ने कहा।