सामना संवाददाता / जयपुर
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष रहे सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद उनकी पत्नी शीला शेखावत ने हनुमानगढ़ से जयपुर के लिए पैदल न्याय यात्रा शुरू की है। गोगामेड़ी के पैतृक गांव 5 जीजीएम से शुरू हुई पैदल न्याय यात्रा रविवार रात को भादरा कस्बे में रुकी थी। सोमवार सुबह भादरा कस्बे से रवाना हुई। इससे पहले रविवार को पैदल न्याय यात्रा शुरू होते ही पुलिस और प्रशासन ने दो बार समझाइश के लिए रोका था, लेकिन शीला शेखावत और राजपूत समाज ने यात्रा जारी रखी। गोगामेड़ी की पत्नी ने मुख्यमंत्री हाउस में जौहर करने की चेतावनी दे रखी है। इसके कारण पुलिस और प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए हैं। मुख्यमंत्री हाउस में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ शीला शेखावत के प्रतिनिधियों की 20 मिनट चली वार्ता बेनतीजा रही। वार्ता के विफल होने के बाद यात्रा जारी रखने का निर्णय लिया गया।
शीला शेखावत ने भाजपा सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा के अनेक नेताओं की मध्यस्थता में राज्य सरकार ने उनकी सभी 11 सूत्री मांगों पर लिखित में सहमति दी थी। अब तक परिवार को सुरक्षा और एनआईए से जांच करवाने के अलावा कोई मांग पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि उस समय परिवार के सदस्य को नौकरी देने, मृतक अजीत सिंह के परिवार को सुरक्षा और मुआवजा देने, गोगामेड़ी को सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ हत्या करवाने के लिए हथियार उपलब्ध करवाने वाले मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग अभी पूरी नहीं हुई।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के भाई श्रवण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री से भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़, पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, राजपूत सभा भवन के राम सिंह चंदलई सहित गोगामेड़ी और अजीत सिंह के परिजन का एक शिष्टमंडल मिला था। लेकिन सरकार ने एक माह का समय मांगा तो हमारे समाज ने निर्णय लिया कि अब समय नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमने मुख्यमंत्री से कहा कि अभी तक एनआईए ने आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी नहीं जारी करवाया है। हम अपनी पैदल न्याय यात्रा जारी रखेंगे।
गोगामेड़ी के साथ अजीत सिंह की भी हत्या हुई थी। अजीत सिंह की पत्नी रेणु कंवर ने कहा कि मैं भी आज अपनी मासूम बेटी के साथ न्याय यात्रा में शामिल हो गई हूं, जो सरकार तीन महीने में भी कुछ नहीं कर पाई वह अब एक महीने का समय मांग रही है। सरकार को शर्म आनी चाहिए कि हम औरतों को अपनी मासूम बच्चियों के साथ सड़कों पर आना पड़ा है।