मुख्यपृष्ठअपराधअंतर्वेग : कागज के टुकड़े ने कातिल तक पहुंचाया! 

अंतर्वेग : कागज के टुकड़े ने कातिल तक पहुंचाया! 

नागमणि पांडे
कहते हैं कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो सुराग छोड़ ही जाता है। ठाणे के भिवंडी पुलिस ने एक ऐसे ही मामले को सुलझाया है, जो पुलिस के लिए एक पहेली बनी हुई थी। डेढ़ साल पहले भिवंडी के पर्ल वर्कशॉप में काम करनेवाले शख्स की हत्या हुई थी। पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन कातिल तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। हालांकि, जांच के दायरे को जब आगे बढ़ाया गया तो कागज का एक छोटा टुकड़ा मिला यही कागज का टुकड़ा आरोपियों के लिए काल साबित हुआ और इसी के जरिए पुलिस कातिल तक पहुंच गई।
ठाणे जिले के भिवंडी स्थित निजामपुर पुलिस थानांतर्गत की यह घटना २० जनवरी २०२२ की है। पुलिस कंट्रोल रूम को एक राहगीर ने जानकारी दी कि भिवंडी पुल के नीचे एक बोरे में किसी शख्स की लाश पड़ी है, जिसमें से खून रिस रहा है। सूचना मिलते ही निजामपुर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जब पुलिस ने बैग को खोला तो एक शख्स का शव उसमें मिला। मृतक की उम्र चालीस साल के आस-पास थी। शव पर कई जगहों पर चोट के निशान थे। शुरुआती जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस के सामने कई तरह की मुश्किल थी। पुलिस के पास न तो मृतक की पहचान का कोई आधार था और न ही मोबाइल फोन था, लेकिन उसकी पॉकेट से कागज का एक छोटा-सा टुकड़ा बरामद हुआ। कागज का वो टुकड़ा मेडिकल प्रिसक्रिप्शन था। इसके अलावा पुलिस ने मृतक के शरीर पर सुनहरे और लाल रंग के धब्बे देखे, उन धब्बों के जरिए इस नतीजे पर पहुंचा गया कि हो सकता है कि वो किसी पर्ल वर्कशॉप में काम करता रहा होगा।
करीब डेढ़ साल बाद हुआ पर्दाफाश
महज मेडिकल प्रिसक्रिप्शन के टुकड़े को आधार मानते हुए कातिल को पकड़ने के लिए कई टीमें लगाई गर्इं। करीब एक साल की सघन जांच के बाद पुलिस दवाई की उस दुकान तक पहुंची, जहां से उस शख्स ने दवा ली थी। फॉर्मेसी की मदद से डॉक्टर की पहचान हुई, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि उसे मरीज का चेहरा याद नहीं आ रहा है। सबसे बड़ी बात यह थी कि डॉक्टर की दुकान के आस-पास सीसीटीवी वैâमरे भी नहीं थे। पुलिस को लगा कि अब किसी तरह का सुराग वहां से नहीं मिलने वाला है। यह सोचकर जब वह वापस लौटने लगी, उसी वक्त एक महिला मरीज डॉक्टर के पास पहुंची। पुलिस ने उससे कुछ पूछा तो उसने बताया कि एक महिला अपने पति के बारे में पूछ रही थी, जो पर्ल वर्कशॉप में काम करता था। इस जानकारी के बाद पुलिस उस महिला तक पहुंची, लेकिन उसने मृतक से किसी तरह की पहचान से इनकार कर दिया। हालांकि, पुलिस ने हिम्मत नहीं छोड़ी उसके बड़े बेटे को बुलाकर पहचान कराई गई।
अवैध संबंध में हत्या को दिए थे अंजाम
हत्याकांड पुलिस के लिए किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं था। नाटकीय मोड़ और ढेर सारे ट्विस्ट और टर्न के बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंची। पुलिसिया तफ्तीश में पहले सलमान नाम के एक शख्स को हिरासत में लिया गया। उससे पूछताछ के बाद पता चला कि उसका दोस्त तस्लीम अंसारी मास्टरमाइंड था। हत्याकांड में बिलाल अंसारी नाम का एक और शख्स शामिल था। पुलिस जांच में पता चला कि मृतक की पत्नी से तस्लीम का अवैध संबंध था। अपने अन्य दोस्तों को साथ मिलाकर इस हत्या को अंजाम दिया। हत्या के बाद शव को ब्रिज के नीचे बोरे में भरकर फेंक दिए थे। अब पुलिस डेढ़ साल बाद इन आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ सारे सबूत जुटाने में लगी है। पुलिस का दावा है कि आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत है, जिसके आधार पर उन्हें कठोर सजा दिलाने में सफल होंगे।

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