सामना संवाददाता / मुंबई
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की राकांपा की चुनौती सिर्फ अजीत पवार के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के लिए भी है। शरद पवार की इसी चुनौती के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन बार महाराष्ट्र का दौरा कर चुके हैं, वहीं अमित शाह भी दौरा कर रहे हैं। इसलिए महाराष्ट्र में हालात उतने आसान नहीं हैं जितना भाजपा सोच रही है। इसीलिए दिल्ली के नेता महाराष्ट्र पर नजर रख रहे हैं। कल भाजपा की बैठक में आरएएस को नहीं बुलाया गया। इससे पता चलता है कि जब तक पार्टी मजबूत है, भाजपा उन्हें बुलाती है और जब भाजपा का स्वार्थ निकल जाता है तो वह उन्हें पूछती नहीं है। रोहित पवार ने कहा है कि लोगों को अब भाजपा की इस प्रवृत्ति का एहसास हो गया है।
आघाड़ी को देंगे वोट मतदाता
हर्षवर्धन पाटील भाजपा में हैं। इस बीच वे अजीत पवार के बारे में बोलते रहते हैं। सत्ता में रहते हुए भी एकनाथ शिंदे गुट के दो विधायक आपस में भिड़ रहे हैं। उनकी पार्टी के अंदरूनी विवादों पर मतदाता नजर रख रहे हैं। रोहित पवार ने कहा है कि मेरा मानना है कि मतदाता इन विवादों को देखते हुए महाविकास आघाड़ी को वोट देंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद दादा के सभी विधायकों के बैनर पर दिखेगी शरद पवार की तस्वीर
सांसद अमोल कोल्हे अपनी कला के माध्यम से छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के विचारों को आम लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। हालांकि, किसी के बोलने से उनका मूल्य कम नहीं होगा। विधायक रोहित पवार ने कहा है कि कीमत जनता तय करती है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि लोकसभा चुनाव के बाद अजीत पवार गुट के सभी विधायकों के बैनर पर शरद पवार की तस्वीर दिखेगी। सांसद अमोल कोल्हे पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के आरोप का विधायक रोहित पवार ने जवाब दिया।
मीडिया से बात करते हुए विधायक रोहित पवार ने कहा कि मुझे नहीं पता कि अजीत दादा डिस्टर्ब हैं या नहीं, लेकिन इस सरकार के कार्यभार से जनता जरूर डिस्टर्ब हैं। रोहित पवार ने कहा है कि अभी इसे ठीक करने का काम चल रहा है। अजीत पवार के साथ गए विधायकों को भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ना पड़ेगा क्या? इसको लेकर वे चिंतित हैं। कुछ विधायक भाजपा के सिंबल पर लड़ने को तैयार नहीं हैं, तो कुछ तैयार हो गए हैं।