सामना संवाददाता / मुंबई
वर्तमान में लोकतंत्र दमनशाही की ओर बढ़ रहा है। कल मीडिया से बातचीत करते हुए राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने यह बात कही। उन्होंने आगे कहा कि जब राज्य का बजट सत्र चल रहा हो तो सदन की गैलरी में मंत्रियों और विधायकों के बीच मारपीट से ज्यादा गंदा काम क्या हो सकता है। सुले ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और पवार परिवार के बीच कोई मतभेद नहीं है। मुझे, शरद पवार, रोहित पवार के निजी जीवन के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है। हम जनता के प्रतिनिधि हैं। लेकिन हमारे परिवार के लोगों को अपना निजी जीवन जीने और उसे निजी रखने का पूरा अधिकार है। तो नि:संदेह हम यह नहीं बता सकते कि हमारे पारिवारिक जीवन में कुछ बातें होती रहती हैं, जिन्हें हम किसी को नहीं बता सकते हैं, ऐसा भी सुप्रिया सुले ने कहा। इसके साथ ही सुले ने यह भी कहा कि कोई वैâसा व्यवहार करता है, यह उसका निजी सवाल है। ये लोकतंत्र है, तो इस लोकतंत्र में चर्चा होनी ही चाहिए। आप अपनी निजी जिंदगी और प्रोफेशनल जिंदगी को एक साथ नहीं जोड़ सकते। सुप्रिया सुले ने यह भी कहा कि उम्र के साथ ऐसी वैचारिक गहराई आनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि एक तो मैं लोकतंत्र में काम करती हूं। मैंने अपने निजी रिश्तों को कभी नहीं छुपाया। सभी दलों के लोगों से मेरे व्यक्तिगत संबंध हैं, क्योंकि मैं लोकतंत्र में विश्वास करती हूं। इसलिए मेरे सभी के साथ राजनीतिक और वैचारिक मतभेद हैं। लेकिन व्यक्तिगत मेरा किसी से कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि यहां लोकतंत्र है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है। हर किसी की एक शैली होती है।