आरटीआई में हुआ खुलासा
सामना संवाददाता / मुंबई
मध्य रेलवे का मुंबई विभाग में मोटरमैन के ३० फीसदी पद खाली होने का खुलासा आरटीआई अंतर्गत मांगी गई जानकारी में हुआ है। इससे स्पष्ट है कि वर्तमान में कार्यरत मोटरमैन पर कार्य का अतिरिक्त तनाव है। कुछ दिन पहले एक ऐसी घटना हुई थी, जहां एक मोटरमैन अतिरिक्त काम के बोझ के कारण सिग्नल पार कर गया था। फिर उसने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद मुंबई में मोटरमैन की रिक्तियों का सवाल सामने आया।
मध्य रेलवे में प्रतिदिन १ हजार ८१० लोकल ट्रेनों के जरिए करीब ४० लाख यात्री यात्रा करते हैं। पीक आवर्स में करीब चार से पांच हजार यात्री लोकल से सफर हैं। सुरक्षित यात्रा की जिम्मेदारी मोटरमैन पर होती है, ऐसे में मध्य रेलवे के मुंबई विभाग में मोटरमैनों की संख्या कम है, इसलिए काम का बोझ ड्यूटी पर तैनात मोटरमैन पर पड़ता है। मध्य रेलवे के मुंबई विभाग में एक हजार ७६ मोटरमैन पद मंजूर हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अजय बोस की आरटीआई के मुताबिक, मंजूर पदों में से केवल ७६३ मोटरमैन कार्यरत हैं और ३१३ पद खाली हैं। अजय बोस ने सेंट्रल रेलवे से १ फरवरी से १४ फरवरी २०२४ तक १४ दिनों के लिए मोटरमैनों के काम के घंटे और ओवरटाइम का ब्योरा मांगा था, लेकिन रेलवे ने यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। आरटीआई कार्यकर्ता अजय बोस ने बताया कि मोटरमैन के पद खाली होने से मोटरमैन पर काम का अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। मोटरमैन को ओवरटाइम करना पड़ता है। इसके लिए रेलवे को मोटरमैन को ओटी चार्ज देना होगा। मोटरमैनों के काम का बोझ कम करने और यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे को तुरंत मोटरमैनों के पद भरने चाहिए।
भर्ती रुकने से पद खाली
रेलवे मे मोटरमैन की भर्ती प्रक्रिया लगातार रुकने के कारण मोटरमैन समेत कई पद खाली पड़े हैं। कार्यबल का कार्यभार बढ़ गया है इसके अलावा ठेके के आधार पर कामगारों की भर्ती से भी पर्याप्त काम नहीं हो पाता है। नतीजा, आए दिन तकनीकी खराबी आती रहती है। रेलवे कर्मचारी संघ ने कहा कि हालांकि मोटरमैन भर्ती प्रक्रिया जारी है, लेकिन नए मोटरमैन की भर्ती लगभग दो साल बाद होने की संभावना है।जिससे यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।