मुंबई मनपा के भ्रष्ट अधिकारियों का करो स्थानांतरण
केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखा पत्र
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा के वरिष्ठ अधिकारी जमकर बैठे हैं। चुनाव आयोग के कहने के बाद भी इन अधिकारियों का तबादला क्यों नहीं किया जा रहा है? इन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री पर दबाव बनाया है क्या? किसी ने मुख्यमंत्री का हाथ पकड़ा है क्या? ऐसा सवाल विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने किया है। उन्होंने आगे कहा कि इन अधिकारियों का एक साथ ट्रांसफर किया जाना चाहिए, तभीr मुंबई में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में हो पाएंगे, विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि चूंकि सरकार इन अधिकारियों का तबादला नहीं कर रही है इसलिए हमने केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र भेजा है।
मुंबई के साकीनाका में क्रांति नगर, बैलबाजार के झुग्गीवासियों को फ्लैट की चाबियां बांट दी गर्इं और इसमें सैकड़ों करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। यह घोटाला तब होता है जब चाबी मुख्यमंत्री द्वारा बांटी जा रही होती है। घोटाला करने वालों को मुख्यमंत्री का वरदहस्त प्राप्त है क्या? यह सवाल पूछते हुए वडेट्टीवार ने इस घोटाले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार की ओर से मुंबई स्थित सरकारी आवास प्रचितगढ़ में एक प्रेस कॉन्प्रâेंस का आयोजन किया गया था। इस प्रेस कॉन्प्रâेंस में उन्होंने उक्त आरोप लगाया।
वडेट्टीवार ने आगे कहा कि मुंबई मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल का तबादला नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारी अश्विनी भिडे, वेलारासु, अतिरिक्त आयुक्त सुधाकर शिंदे आदि अधिकारी जमकर बैठे है। चूँकि ये अधिकारी पक्षपाती हैं, इसलिए चुनाव के दौरान चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इन अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त करने की मांग वडेट्टीवार ने की।
मुंबई मनपा बनी भ्रष्टाचार का अड्डा
मुंबई मनपा अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई है। कुछ अधिकारी मुंबई मनपा की तिजोरी को साफ करने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार को समय रहते इस पर रोक लगानी चाहिए, ऐसा वडेट्टीवार ने कहा।
फ्लैट की चाबी वितरण में बड़ा घोटाला
वडेट्टीवार ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा साकीनाका में क्रांति नगर, बैलबाजार के झुग्गीवासियों को फ्लैट की चाबियां वितरित की गर्इं। इस चाबी वितरण में बड़ा घोटाला हुआ है। इन चाबियों को वितरित करते समय फर्जी नाम डाले जाते हैं। उसके तुरंत बाद ये फ्लैट खरीद लिए गए हैं। इनमें अन्य राज्यों के कुछ लोगों का समावेश हैं। यह सरकार का जनता के साथ धोखा है।
५३ फ्लैटों के बने फर्जी दस्तावेज
इस मामले में १० करोड़ के ५३ फ्लैटों के फर्जी दस्तावेज बनाए गए हैं, जिसमें सैकड़ों करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इस पूरे मामले की गहनता से जांच कराने की मांग प्रतिपक्ष के नेता ने की। इस घोटाले को किसका आशीर्वाद है इसका खुलासा करने की भी मांग वडेट्टीवार ने की।