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परिवारवाद का विरोध करने वाली भाजपा यूपी में परिवरवादियों की गोद में बैठी!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

“गुड़ खाय गुलगुला से परहेज” यह कहावत भारतीय जनता पार्टी पर बहुत सटीक बैठने लगी है। परिवार वाद का विरोध करने वाली भाजपा परिवारवाद की गोंद में बैठ गयी है। विपक्षी दलों को परिवारवादी होने का आरोप लगा कर लोकसभा चुनाव जीतने की गरज से 2024 के चुनाव से पहले परिवारवादी पार्टियों से गठबंधन कर लिया है। अखिलेश यादव के साथ विधानसभा चुनाव लड़े सुभासपा को तोड़ कर गठबंधन कर लिया। उत्तर प्रदेश की घोषी लोकसभा सीट से ओम प्रकाश राजभर के बेटे डॉ अरविंद राजभर को एनडीए प्रत्याशी बना दिया गया है। इसके पहले अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की बेटी अनुप्रिया पटेल को एनडीए में जोड़ कर सांसद बना कर केंद्र में मंत्री बनाया। अनुप्रिया पटेल के पति इंजीनियर आशीष पटेल को विधानपरिषद में डाल कर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री बनाया है। मई में उनकी सदस्यता समाप्त हो रही है। इस बीच 13 एमएलसी सीटों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सबसे ज्यादा आशीष पटेल के वापसी की गारंटी है। राष्ट्रीय लोकदल की ओर से भी एक सदस्य होना तय है। रालोद भी परिवारवादी पार्टी है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय निषाद प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री हैं, उनके बेटे प्रवीण निषाद संतकबीरनगर से सांसद हैं। इस बार भी भाजपा ने प्रवीण निषाद को संतकबीरनगर से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। मतलब परिवारवाद का विरोध कर परिवार वादियों की गोद में भाजपा बैठ गयी है।

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