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‘राज’नीति : शिक्षक तबादला नीति बनेगी

रमेश सर्राफ धमोरा झुंझुनू

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शिक्षक तबादलों के लिए नई तबादला नीति बनाने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि शिक्षकों के अनियमित तबादलों के कारण स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए शिक्षा विभाग को पारदर्शी तबादला नीति तैयार करनी चाहिए। इससे शिक्षकों का योग्यता के आधार पर और सही समय पर तबादला हो सकेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के सुधार के लिए कुछ जिलों में नए प्रयोग किए जाएं। इन इनोवेशन को निकट भविष्य में पूरे प्रदेश में लागू किया जाए, ताकि राजस्थान पूरे देश में बेहतरीन शिक्षा का मॉडल बनकर उभरे। मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में खाली पदों को भरने के लिए शिक्षकों की सामंजस्य से पोस्टिंग करने पर जोर दिया। उन्होंने स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। वहां विद्यार्थियों को प्राथमिकता से और समय पर शिक्षक मिल सकें इस आधार पर शिक्षकों की पोस्टिंग हो।

मंत्री बनेंगे बाबाजी
राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी। उसके बाद ऐसी चर्चाओं को बल मिला है। हालांकि, सरकारी सूत्रों ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है। राजस्थान में अभी २४ मंत्री हैं तथा ६ स्थान रिक्त हैं। अभी यादव समाज के दो विधायकों में से कोई भी मंत्री नहीं है। वहीं वैश्य समाज के आठ विधायकों में से एक विधायक मंत्री है। अनुसूचित जाति के २३ में से तीन व अनुसूचित जनजाति के १६ में से तीन, ब्राह्मण समाज के १२ में से दो विधायक मंत्री हैं। मंत्रिमंडल विस्तार के समय मंत्री बनने से रह गए पूर्व सांसद बाबा बालकनाथ का यादव कोटे से मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अलवर से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भाजपा उम्मीदवार हैं। इसलिए बाबाजी को मंत्री बनाकर उनकी नाराजगी दूर की जाएगी। वहीं वैश्य, ब्राह्मण, राजपूत, सिख समाज से भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।

भाजपा सांसद की बगावत
राजस्थान में चूरू लोकसभा सीट से भाजपा सांसद राहुल कस्वां की टिकट काटकर वहां से पैरा ओलंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया को भाजपा प्रत्याशी बनाया गया है। इसके बाद से ही राहुल कस्वां पार्टी के पैâसले को लेकर नाराज हैं तथा अपनी नाराजगी का खुलकर इजहार भी कर रहे हैं। दूसरी बार के सांसद राहुल कस्वां ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि आखिर मेरा गुनाह क्या है। क्या मैं ईमानदार नहीं था। क्या मैं मेहनती नहीं था। क्या मैं निष्ठावान नहीं था। क्या मैं दागदार था। क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी। कस्वां ने आगे लिखा- प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में मैं सबसे आगे था और क्या चाहिए था। जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा, सभी निरुत्तर और नि:शब्द रहे। कोई इसका उत्तर नहीं दे पा रहा। शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं। राहुल कस्वां के पिता रामसिंह कस्वां भी चूरू से चार बार सांसद रह चुके हैं। कस्वां अब कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस बेनीवाल का गठबंधन
राजस्थान में कांग्रेस और आरएलपी के बीच गठबंधन की चर्चा जोरों से हो रही है। कांग्रेस के साथ मिलकर बेनीवाल नागौर और बाड़मेर में बीजेपी को शिकस्त देने की मंशा रखते हैं, लेकिन गठबंधन से पहले ही गुटबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस के दो गुटों में भी गठबंधन को लेकर रार दिखाई दे रही है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की चयन समिति की बैठक में गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने इस गठबंधन का विरोध किया है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आरएलपी के साथ गठबंधन को पार्टी के लिए हितकर बता रहे हैं। हरीश चौधरी ने कहा कि बेनीवाल ने कांग्रेस का कई बार विरोध किया और हरीश चौधरी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए सियासी हमला किया था। बेनीवाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। सूत्रों ने बताया कि बेनीवाल ने लोकसभा चुनाव को लेकर नागौर और बाड़मेर की दो लोकसभा सीट मांगी है। इसको लेकर कांग्रेस और आरएलपी में विचार-विमर्श चल रहा है।

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