विरोध में उतरे पर्यावरण प्रेमी
सामना संवाददाता / मुंबई
क्वीन नेकलेस के रूप में पहचाने जानेवाले पाम बीच मार्ग पर एनआरआई कॉम्प्लेक्स के पास स्थित खाड़ी के किनारे दलदलीय भूखंड पर हजारों फ्लेमिंगो का निवासस्थान है। इससे नई मुंबई की पहचान फ्लेमिंगो सिटी के रूप में भी हुई है, लेकिन अब नई मुंबई मनपा उसी फ्लेमिंगो के घर पर बुलडोजर चलाने की योजना बना रही है। नई मुंबई मनपा की तरफ से राज्य सरकार को भेजी गई विकास योजना में मनपा ने नेरुल सीवुड्स क्षेत्र में विकास के लिए आवासीय परिसर के नाम पर खाड़ी के किनारे प्राकृतिक रूप से निर्मित दलदलीय भूमि को बिल्डरों के लिए आरक्षित करने की घोषणा की है। मनपा के इस निर्णय पर पर्यावरण प्रेमियों ने नाराजगी व्यक्त की है और निर्णय के खिलाफ आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।
नई मुंबई महानगरपालिका द्वारा हाल ही में राज्य सरकार को सौंपी गई विकास योजना में बिल्डरों के अनुकूल किए गए परिवर्तन पर नाराजगी व्यक्त की जाने लगी है। पर्यावरणप्रेमी इस बात से परेशान हैं कि आवासीय परिसर के लिए अडवली, भुतवली, बोरीवली गांवों की सैकड़ों एकड़ जमीन को आवासीय संकुल के लिए रिजर्व करनेवाली मनपा और बिल्डरों की वक्रदृष्टि अब सीवुड्स स्थित दलदलीय जमीन पर पड़ गई है, जिससे पर्यावरण प्रेमियों में आक्रोश है।
फ्लेमिंगो सिटी को नष्ट करने साजिश
पाम बीच मार्ग स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने नेरुल सेक्टर ५२ (ए) क्षेत्र में वेटलैंड को आवासीय परिसरों के लिए खोल दिया गया है, जबकि वहां से थोड़ी दूर पर टी.एस. चाणक्य प्रशिक्षण केंद्र है और उसी के पीछे पॉकेट ‘ए’ के रूप में चिह्नित आर्द्रभूमि क्षेत्र को आवासीय क्षेत्र के लिए ओपन कर दिया गया है। योजना में चाणक्य संकुल के अंतर्गत सड़क की चौड़ाई १५ मीटर से बढ़ाकर ३० मीटर करने का भी प्रस्ताव है। वर्तमान में इस क्षेत्र में हजारों फ्लेमिंगोस अधिवास करते हैं। इन विदेशी पक्षियों को देखने और उनका अध्ययन करने के लिए यहां पर्यावरणविदों का तांता लगा रहता है, लेकिन अब आशंका जताई जा रही है कि भविष्य में यहां की तस्वीर बदलनेवाली है। नई मुंबई एन्व्हायर्मेंट के संस्थापक सुनील अग्रवाल ने बताया कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन है।